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हैंडपम्प से उगल रहा जहरीला पानी, गड्ढा खोदकर ग्रामीण बुझा रहे प्यास

locationकांकेरPublished: Jan 18, 2019 05:10:28 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

गांव के तालाब के पास ग्रामीण गड्ढा खोदकर घूट-घूट पानी को एकत्र कर अपनी-अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।

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हैंडपम्प से उगल रहा जहरीला पानी, गड्ढा खोदकर ग्रामीण बुझा रहे प्यास

बडग़ांव. शुद्ध पेयजल के लिए सलिहापारा बड़ेपराली के ग्रामीण शासन-प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके हैं। एसडीएम-कलक्टर से फरियाद करने के बाद भी हलक तर करने के लिए पानी का बंदोबस्त नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में लगा एक हैंडपंप वर्षों से बंद पड़ा है। दूसरे से आयरनयुक्त पानी आ रहा है। बारिश हो या अन्य मौसम ग्रामीणों के लिए झरिया का पानी सहारा बना है। गांव के तालाब के पास ग्रामीण गड्ढा खोदकर घूट-घूट पानी को एकत्र कर अपनी-अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
तालाब तट पर झरिया का पानी ले रहीं महिलाओं ने कहा कि गर्मी का मौसम आने से पहले हमें पेयजल की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए बरसात और ठंड के मौसम में भी भटकना पड़ रहा है। पानी के लिए बार-बार अफसरों से फरियाद कर हम थक चुके हैं। इस मौसम में भी छोटे छोटे कुआंनुमा गड्डे खोदकर झरिया का पानी पी रहे हैं। गांव के तालाब तट पर जगह-जगह गड्ढा खोदने के बाद पानी एकत्र होता है। उसी पानी को उबालकर पी रहे हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को इसकी जानकारी देने के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। आयरनयुक्त पानी उगल रहे हैंडपंप के जल को शुद्ध करने के लिए किसी प्रकार की पहल भी नहीं हो रही है। भाजपा सरकार से आवेदन निवेदन कर थक चुके हैं। कांग्रेस की सरकार आने पर कुछ आस जगी है। एक माह सरकार गठन होने के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। शुद्ध पेयजल के लिए सलिहापारा बड़ेपराली गांव में दो अलग अलग हैंडपंप उपयोग के लायक नहीं हंै। एक हैंडपंप के कल पूर्जे गायब तो दूसरे से आयरनयुक्त पानी आने से परेशानी हो रही है। लाल पानी का उपयोग करने से ग्रामीणों की सेहत भी खराब हो रही है। इस खराब पानी को किसी बरतन में रखने पर काला हो जाता है।
तालाब का जलस्रोत ही पेयजल का सहारा
ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल के रूप में झरिया का पानी पीने मजबूर हैं। बरसात के दिनों में भी इसी तालाब का पानी उपयोग करते है। शासन प्रशासन द्वारा शुद्ध पेयजल ग्रामीणों को उपलब्ध कराने मे नाकाम है। ग्रामीणों के शिकायत के बाद हंैडपंप खनन नहीं किया गया।
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