शासकीय अधिवक्ता संंदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी सुमित्रा गुप्ता (38) पति तीरथ गुप्ता निवासी रीवा सहडोल, शिवशंकर उर्फ रमेश (25) पिता अच्छेलाल निवासी उमरिया सहडोल और भूपेंद्र सेन (37) पिता रामनरेश सेन निवासी सहडोल मप्र. एक कार से गांजा तस्करी कर रहे थे। कांकेर पुलिस को 14 जुलाई 2018 को मुखबिर से सूचना मिली की एक सफेद कलर की कार कांकेर होते हुए रायपुर की तरफ जा रही है, कार से गांजा की तस्करी की जा रही है।
कार के अगली सीट पर एक महिला पुलिस के डे्रस में बैठी है, कार में दो युवक भी सवार हैं। कांकेर पुलिस ने मुखबिर के सूचना के आधार पर मस्जिद चौक के पास वाहनों की चेकिंग प्रारंभ कर दी। इसी बीच कार मस्जिद चौक पहुंची तो कांकेर पुलिस रोककर पूछताछ करने लगी तो कार में सवार महिला ने अपने आप को पुलिस बताते हुए रायपुर जाने की बात करने लगी। पुलिस ने कार की तलासी ली तो पीछे की सीट पर 22 पैकेट गांजा छुपाकर रखा गया था।
गांजा का वजन करने पर 75 किलो हुआ। पुलिस ने तीनों आरोपियोंं के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर विशेष सत्र न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट हेमंत सराफ के कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई चल रही थी। एनडीपीएस एक्ट के तहत कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर तीनों आरोपियों को गांजा तस्करी में दोषी पाया। गांजा तस्करी मेंं कोर्ट ने तीनों को एनडीपीएस एक्ट में 15-15 साल का सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख अर्थदंड से दंडित किया है।