ग्राम पंचायत रावस के आश्रित गांव आमापानी, पर्रेदोड़ा, निशनहर्रा समेत चार गांवों में कुल महिला-पुरुष 757 मतदाताओं का वोटर कार्ड बना है। लोकसभा चुनाव में आमापानी में मतदान केंद्र बना था। विधानसभा चुनाव-2018 में भी आमापानी को मतदान केंद्र घोषित किया गया था। मतदान केंद्र का लेखन एवं अन्य प्रक्रिया आमापानी के प्राथमिक स्कूल में किया गया था। सोमवार को मतदान से मात्र एक दिन पहले चारों गांव के मतदाताओं को बताया गया कि इस बूथ को शिफ्ट कर दिया गया। आमापानी में मतदान न कराकर ठेमा में बूथ बना दिया गया। मतदाताओं ने बताया कि पर्ची में आमापानी मतदान केंद्र के नाम पर दिया गया था।
मतदाताओं ने कहा कि रावस तक सडक़ बन जाने से लोगों में मतदान करने का काफी उत्साह था। रावस निवासी कुंती नेताम ने बताया कि वह अपने गांव से मतदान करने के लिए आमापानी में बड़ी ही उत्सुकता के साथ आई थी कि प्रदेश एवं क्षेत्र के विकास के लिए उसका एक वोट काम आएगा। आमापानी में आने के बाद पता चला कि मतदान केंद्र को ठेमा में बना दिया गया है। आमापानी से ठेमा की दूरी 12 किसी होने और आने जाने के लिए किसी प्रकार का संसाधन नहीं होने के कारण वह मदतान से वंचित हो रही है। कुंती ने कहा कि सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक आमापानी मतदान केंद्र पर इंतजार करने के बाद वापस लौट रही हूं।
ललिता शोरी ने कहा कि मतदान का सभी को अधिकार है। मतदान केंद्र भी हमारे गांव में बना था। गांव तक आने जाने के लिए पक्की सडक़ बन चुकी है। आमापानी मतदान केंद्र का लेखन भी निर्वाचन पदाधिकारी के आदेश पर करा दिया गया है। चार गांव के लोग मदतान करने के लिए तैयार थे। अचानक मतदान केंद्र को बदलकर सैकड़ों मतदाताओं को मतदान करने से रोक दिया गया है। 12 किमी दूर मतदान करने के लिए मतदाता कैसे पहुंच पाएगा। निर्वाचन पदाधिकारियों की अनदेखी से हम अपने ही देश में रहते हुए भी मतदान करने से वंचित हो रहे हैं।
12 किमी दूर बना दिया ठेमा में मतदान केेन्द्र
नरहरपुर सीईओ रविवार को रावस में मतदाताओं के बीच पहुंचकर ठेमा में मतदान करने की जानकारी दी तो लोग भडक़ गए। मतदाताओं ने सीईसी से पूछा कि लोकसभा चुनाव में आमापानी में मतदान केंद्र बना था तो इस साल कौन सी मजबूरी हो गई। 12 किमी पैदल कौन मतदान करने जाएगा। 12 किमी पैदल चलने में चार घंटे का समय लगेगा। वापस आने में भी तो और अधिक समय लग जाएगा। ऐसे में मतदान इनती दूर करने नहीं पहुंचा जा सकता है। मतदाताओं के विरोध को देखते हुए सीईओ उल्टे पांव लौट गए।
पांच घंटे इंतजार के बाद मतदाता लौट गए
आमापानी मदातान केंद्र के बाहर चारों गांव के मतदाता चंदाजुटकार टेंट लगाए हुए थे कि मतदान दल आएगा तो उनका स्वागत करेंगे। अपने मन पसंद के उम्मीदवार को विधानसभा में विकास की आवास उठाने के लिए भेंजेगे। निर्वाचन पदाधिकारियों की अनदेखी से सुबह सात बजे से दोपहर १२ बजे तक चारों गांव के सभी मतदाता मतदान दल की प्रतिक्षा करते रहे कि आमापानी में आएंगे तो मदतान करेंगे। मतदान दल की टीम नहीं पहुंची तो सभी लोग वापस लौट गए।