ठेकेदारों से धमकी दिलाने का मामला उजागर होने पर पीएचई में हडक़ंप मचा है। कोंडागांव के अधीक्षण अभियंता ने कार्यपाल अभियंता से जवाब मांगा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में ठेकेदारों के साथ साठगांठ कर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी परत दर परत खुलती जा रही है। निविदा से लेकर कार्य स्थल तक गड़बड़ी की कुछ फाइल सूचना के अधिकार में मिली है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 1.70 करोड़ के बजट से निविदा क्रमांक 59 से 69 तक कुल 22 गु्रपों में सात मार्च को प्रपत्रों का विक्रय किया जाना था। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने निविदा प्रपत्र के विक्रय पर चुपके से रोक लगा दी तो निविदा प्रपत्र दिलाने कुछ ठेकेदारों ने लेखा अधिकारी से संपर्क किया। लेखा अधिकारी ने कार्यपालन अभियंता से निष्पक्षता से निविदा प्रपत्र का विक्रय करने सलाह दी तो कार्यपालन अभियंता भडक़ गए और इसकी सूचना चहेते ठेकेदारों को दे दी।
कार्यपालन अभियंता के चहेते ठेकेदारों ने आपा खो दिया और लेखा अधिकारी को देख लेने धमकी दे डाली। ठेकेदारों की धमकी से लेखा अधिकारी सहम गए। उन्होंने 8 मार्च 2019 को कोंडागांव अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर अवगत करा दिया कि उन्हें कार्यपालन अभियंता द्वारा ठेकेदारों से धमकी दिलाई जा रही है। काम करने से उन्होंने हाथ खड़ा कर दिया। यह पत्र अधीक्षण अभियंता तक पहुंचते ही हडक़ंप मच गया।
आनन-फानन में कोंडागांव अधीक्षण अभियंता ने कार्यपालन अभियंता से लिखित जवाब मांगा तो खलबली मच गई। हालांकि कार्यपालन अभियंता ने पत्र के माध्यम से जवाब भेज दिया है, फिर भी दोनों अफसरों में तनातनी बनी है। यह सब निविदा के सेटिंग पर विवाद है।
कार्यपालन अभियंता ने लिखा निहायत स्तरहीन कृत
कोंडागांव के अधीक्षण अभियंता और लेखा अधिकारी एसके मीणा को जवाब देते हुए कार्यपालन अभियंता एसआर सोनकुसरे ने पत्र में लिखा यह निहायत स्तरहीन कृत है। वैसे किसी राजपत्रिय अधिकारी को इस तरह से शब्दों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इस शब्द से अंदेशा लगाया जा सकता है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़े पैमाने पर भर्राशाही से खलबली है। भ्रष्टाचार की परत दर परत उजागर होने से हड़बड़ी है। बहरहाल जो भी हो इसी तरह से फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में भी कार्यपालन अभियंता ने अभी तक प्रशासन को जवाब नहीं भेजा है।
मार्च 2018 में भी लेखा अधिकारी से विवाद
सूत्रों की माने तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में काफी दिनों से निविदा के नाम पर गड़बड़झाला चल रहा है। मार्च 2018 में लेखा अधिकारी ने कार्यपालन अभियंता के भर्राशाही से तंग आकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी अधीक्षण अभियंता कोंडागाव को पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं। अभी हाल ही में 19 जनवरी 2019 को भी पत्र लिखा था। दोनों बार कार्यपालन अभियंता माफी भी मांग चुके हैं। पीएचई में भर्राशाही पर रोक नहीं लगी तो लेखा अधिकारी के टोकने पर ठेकेदारों से धमकी दिलाने का सनसनी खेज मामला उजागर होने पर विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है।
कार्यपालन अभियंता पीएचई एसआर सोनकुसरे ने बताया कि हां, लेखा अधिकारी ने अधीक्षण अभियंता को लिखित शिकायत की है। मैं उस संबंध में अधीक्षण अभियंता कोंडागांव और लेखा अधिकारी को जवाब भी दे दिया हूं। मेरे ऊपर लगाया गया आरोप पूरी तरह से झूठा है।