पूरी दुनिया में विख्यात है कि सबसे ज्यादा देवी देवताओं की पूजा बस्तर के लोग ही करते हैं । बस्तर के आदिवासी भाइयों का पूजा पाठ को देखने दूर दराज से लोग आते हैं । लेकिन अब हमारे आपसी खींचतान के चलते धीरे धीरे भूलते जा रहे हैं और हम अपनी आगामी पीढ़ी को इसकी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं । साथ ही बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव ने कहा कि आज हमारे अपनी देवी देवता, रीति रिवाज, संस्कृति-परंपरा से कटते जा रहे हैं । जिसके चलते ही वो दूसरों के बहकावे में आकर अपना धर्म परिवर्तन करने लगे हैं।
जो आदिवासी समाज के लिए एवं पूरे बस्तर के शांति सद्भावना एवं विकास के लिए बहुत घातक है । इसलिए मैं क्षेत्र के सभी देव गुडिय़ों में एवं पूजा आस्था स्थलों पर जा कर लोगों को जागृत करने की कोशिश कर रहा हूं कि हमारे बस्तर के लोग अपने मूल धर्म संस्कृति का त्याग ना करें और अपनी आस्था बरकरार रखें । इसी क्रम में सभी देव गुडिय़ों एवं पूजा स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए शासन द्वारा आर्थिक सहयोग राशि प्रदान किया जा रहा है । अभी तक 7 करोड़ 50 लाख रुपए इस कार्य के लिए प्रदान किया जा चुका है और जरूरत पड़ी तो और भी सहयोग राशि प्रदान किया जावेगा ।
इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य अजजा आयोग अध्यक्ष जीआर राणा, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एवं अंतागढ़ विधायक भोजराज नाग, केशकाल विधायक संतराम नेताम एवं पूर्व विधायक सेवकराम नेताम, कृष्णकुमार ध्रुव नपंअ आकाश मेहता, जअ जगनाथ नाग, सहायक आयुक्त शोरी, एसडीएम धनंजय नेताम सीइओ आरबी ध्रुव तहसीलदार राकेश साहू, बीइओ इमेलसिंह बघेल सहित सभी पुजारी, गायता, सिरहा, मांझी, मुख्या व सभी समाज के हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।