आश्रम का 12 बोरा चावल को दुकान से 100 मीटर दूर आश्रम ले जाना छोड़कर वह किराए के आवास में 200 मी. दूर पति के सहारे लादकर उठा ले गई। इसकी जानकारी लगी तो लोहत्तर जाकर आश्रम पड़ताल करने पर पता चला कि शनिवार को अधीक्षिक एक बोरा चावल आश्रम नहीं लाई है। तब संदेह होने पर अधीक्षिका से पूछताछ किया गया।
सरपंच व पटेल ने किया पंचनामा
चावल हेरफेरी करने की शिकायत गांव के सरपंच और पटेल से की गई। सरपंच पटेल मौके पर पहुंचकर अधीक्षिका से पूछताछ किए, जिसमें चावल को घर ले जाना कबूल किया। अधीक्षिका सरपंच पटेल को भी बताया कि मिलिंग कराने 12 बोरा चावल घर ले आई हूं। सरपंच पटेल मौके पर किराए के मकान पर जाकर देखे तो 12 बोरा चावल ढका हुआ मिला। जिसका पंचनामा सरपंच और पटेल ने किया है। सरपंच भीखम देहारी, ग्राम पटेल कंवलसिंह दीवान ने कहा कि सरकार गरीब बच्चों के लिए आश्रम खोला है।
चावल मिलिंग नहीं कराती हैं अधीक्षिका
चावल गुपचुप तरीके से घर ले जाने के मामला उजागर होने के बाद लोहत्तर आश्रम की अधीक्षिक झूठ पे झूठ बोलती रही और कहती रही कि मिलिंग कराने के लिए घर ले गई हूं। जबकि आजतक चावल की मिलिंग नहीं कराई है, आश्रम में भी 20 बोरा चावल है। एक बोरा खुला हुआ है।