नगर के श्रीरामनगर में खसरा नं. १३६ में रमाकांत तिवारी निवासी राजापारा ने १२०० वर्ग फीट में अतिक्रमण कर दुकान बना दिया है। इसी तरह से इसी खसरा नंबर पर शीतलापारा निवासी महावीर जैन ने ८४० वर्ग फीट में अतिक्रमण कर दुकान बना दिया है। पालिका के संरक्षण में दोनों अतिक्रमणकारियों द्वारा दुकान बनाए जाने की सूचना पर पटवरी ने शासकीय भूमि का सीमांकन कर जांच प्रतिवेदन कांकेर तहसीलदार को सौंप दिया। रमाकांत और महावीर द्वारा अतिक्रमण की पुष्टि होने के बाद तहसीलदार ने १०-१० हजार रुपए जुर्माना की नोटिस जारी किया है। तहसील दफ्तर से नोटिस जारी होने के बाद हडक़ंप मचा है।
पत्रिका टीम ने श्रीरामनगर मोहल्ले में पड़ताल किया तो स्थानीय लोगों ने कहा अगर निजी भूमि पर खुद का निर्माण करें तो पालिका के अधिकारी और कर्मचारी तत्काल नोटिस पकड़ा देते हैं। अगर गलती से निजी भूमि में खुद निर्माण कर लिए तो १५ से ५० गुना फाइन ठोक पालिका प्रशासन वसूली कर लेता है। शासकीय भूमि में रसूखदारों के दुकान निर्माण पर रोक लगाने के बजाय पालिका के अफसर कन्नी काट रहे हैं। पालिका प्रशासन के संरक्षण में ही शासकीय भवन पर निर्माण किया जाता है। ऐसे लोगों को पालिका के अधिकारी ही पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध करा मदद करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारी आए दिन कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। श्रीराम नगर में बनी इन दुकानों पर कारोबार भी होने लगा है। पालिका प्रशासन की निष्क्रियता के चलते शासकीय भूमि को लक्ष्य मानकर सफेदपोश कब्जा कर रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे रहते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की शासकीय भूमि पर भी कब्जा:- नगर में स्वास्थ्य विभाग के शासकीय आबंटित आवास गृह (मुख्य डाकघर के पास) कुछ लोगों ने बेजा कब्जा कर लिया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में नर्सिंग सिस्टर ललिता यादव, नर्स पुष्पा, नर्स पुष्पा मरकाम आदि ने बेज कब्जा हटाए जाने के लिए राजस्व अधिकारी, पालिका, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन को कब्जा हटाने के लिए पत्र ज्ञापन सौंपा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि निर्माण के दौरान भी अतिक्रमणकारी को मना किया गया था।
अपनी-अपनी पॉकेट गरमकर रहे सफेदपोश
वार्ड के जनप्रतिनिधि भी अपनी-अपनी पाकेट गरम करने के लिए अतिक्रमण को रोकने के बजाए बढ़ावा दे रहे हैं। विभिन्न वार्डों में शासकीय जमीन पर कब्जा करने का खेल पालिका के सफेदपोशों के इशारे पर हो रहा है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि अगर समय रहते अतिक्रमण की सूचना उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाए तो लगाम लग सकती है।