पिता की मौत हो जाने के बाद आरोपी घर से फरार हो गया। बेटे की पिटाई से मां बुरी तरह से जख्मी घर में पड़ी थी। पड़ोसियों ने हल्ला सुनकर मौके पर पहुंचे तो प्रताप जुर्री बेहोशी की हालत में था और उसकी पत्नी यानी आरोपी की मां घायल कराह रही थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना कांकेर पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बेहोशी के हालत में जमीन पर पड़े प्रताप जुर्री को अस्पताल भेजा तो डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और घायल महिला ने इलाज के बाद पुलिस को बताया कि उसका ही बेटा अपने पिता को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 302 और 326 के तहत अपराध दर्ज कर राधेलाल को गिरफ्तार कर लिया। उक्त मामले में पुलिस ने आरोपी को विशेष सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ के कोर्ट में मामले को प्रस्तुत किया। कोर्ट ने गवाहों के बयान और आरोपी के कथन के बाद राधेलाल जुर्री को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपी बेटे को धारा 302 में आजीवन कारावास और सौ रुपए का अर्थदंड और धारा 326 में 6 माह का कारावास और सौ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।