ग्राम पंचायत बिहावपारा के आश्रित गांव भर्रीपारा भी इसी तरह का गांव है। बारिश का सीजन प्रारंभ होते ही भर्रीपारा मोहल्ला टापू में तब्दील हो जाता है। गांव के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है। गांव में सिर्फ प्राथमिक शाला तक बच्चों को पढऩे के लिए स्कूल बना है। हाईस्कूल और मिडिल स्कूल की पढ़ाई करने बच्चों को दुधावा आना पड़ता है। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो मिडिल स्कूल के 8 बच्चे और हाईस्कूल के 3 बच्चे दुधावा पढऩे के लिए आते हैं। इन बच्चों को भर्रीपारा से दुधावा तक लाने के लिए सिर्फ नाव ही सहारा है। गांव में चंदा जुटाकर एक नाव बनी है। पालक बारी-बारी बच्चों को प्रतिदिन नाव से स्कूल छोडऩे और वापस ले जाने के लिए आते हैं। भर्रीपारा की करीब दौ सौ जनसंख्या है। गांव तक सड़क नहीं होने से परेशानी होती है। इस गांव तक विकास नहीं पहुंचा है।