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दस साल से नक्सल क्षेत्र में स्कूल चला रहे एेसे शिक्षक जो अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत कर देते हैं बच्चों पर ही खर्च

locationकांकेरPublished: Sep 06, 2018 04:52:58 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

एक दशक से अपने वेतन का लगभग 10 प्रतिशत स्कूल के उन्नयन व बच्चों की प्रतिभा निखारने में खर्च कर रहे

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दस साल से नक्सल क्षेत्र में स्कूल चला रहे एेसे शिक्षक जो अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत कर देते हैं बच्चों पर ही खर्च

रामाकान्त सिन्हा@कोण्डागांव . पिछले एक दशक से अपने वेतन का लगभग 10 प्रतिशत स्कूल के उन्नयन व बच्चों की प्रतिभा निखारने में खर्च कर रहे शिक्षक शिवचरण साहू की नियुक्ति वर्ष 2007 में माओगढ़ माने जाने वाला इलाका मंगवाल में हुई थी। शिक्षक शिवचरण लगभग सालभर स्कूल पहुंचते हैं और इन्हें देख बच्चे भी छृट्टी के दिनों में भी क्लास पहुंच अपने शिक्षक से विभिन्न तरह की कलाकृतियों की बारिकियां सिखते हुए अपनी छृट्टी बिताते हैं।

इन्हें तकरीबन दो साल पहले मड़ानार पूर्व माध्यमिक शाला म पदस्थ किया गया हैं। शिवचरण न केवल एक अच्छे शिक्षक के रूप में बल्कि एक कलाकार तौर पर पहचाने जाते हैं। यही वजह हैं कि शिक्षकों के बीच इनकी एक अलग ही पहचान हैं। इनकी कार्यशैली और प्रतिभा का हर वर्ग लोहा मानता हैं। शिवचरण ने बताया कि वे बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही अन्य विधाओं में भी परांगत करना चाहते हैं। यही वजह है कि वे पहले खुद इसकी प्रेक्टिस करते है और फिर बच्चों को इसकी बारिकियां सिखाते हैं। शिवचरण न केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सिमित है बल्कि पेंटिंग, काष्ट कला, मृदा शिल्प, कराटे, लाठी चाल, योगा व खो-खो में इनकी अच्छी पकड़ हैं।

इनका दायित्व निभा चुके हैं : शिवचरण एक शिक्षक के रूप में बच्चों को शिक्षा का दान तो करते ही है, साथ ही उन्हे समय-समय पर दिए जाने वाले दायित्वों का भी वे निवर्हन करते रहे हैं। इन्होंने एमजीएमएल, सीईसी के साथ ही शाला प्रबंधन समिति का जिला प्रशिक्षक के अलावा योग आयोग के जिले में इकलौते प्रशिक्षक है।

इसके साथ ही नवनियुक्त होने वाले शिक्षकों को अधिस्थापन प्रशिक्षण के जिला प्रशिक्षक के तौर पर चुने जाते रहे है। इन्हें बेस्ट शिक्षक के साथ ही विभिन्न कलाओं के लिए सम्मान मिल चुका हैं।

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