यहां शिक्षकों ने पढऩे वालों छात्रों को पेड़ पर चढ़ाकर झाड़ कटवाया जा रहा था। इसी बीच किसी ने फोटो वाट्सअप पर फोटो वायरल कर दिया। पूरा मामला मीडिया में सामने आने के बाद टीचर और स्वीपर की बोलती बंद हो गई। वहीं, अब छात्रों को पेड़ पर चढ़ाकर झाड़ कटवाने वाला फोटो जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार इस नरहरपुर, पूर्व माध्यमिक स्कूल में 154 बच्चे पढ़ते हैं। दो महिला और एक पुरुष शिक्षक, एचएम और स्वीपर तैनात हैं। स्कूल परिसर में ही किचन गार्डन बना है। किचन गार्डन में सब्जियां का रोपण किया गया है। इस किचन गार्डन को घेरने के लिए एचएम में स्वीपर को निर्देशित किया। स्वीपर पेड़ पर नहीं चढ़ पाया तो स्कूली छात्रों को चढ़ा दिया। कुल्हाड़ी से पेड़ पर झाड़ काटने की छात्रों की फोटो वाट्सअप पर वायरल हो गई। पेड़ पर बच्चों के चढ़ होने की जानकारी एचएम को मिली तो उन्होंने स्वीपर के उपर मामला डाल दिया। सूत्रों की माने तो झाड़ काटते समय पास में ही एचएम मौजूद थे। बहरहाल जो भी हो शिक्षा के मंदिर में ज्ञान लेने जाने वाले छात्रों को पेड़ पर चढ़ाकर झाड़ काटना गंभीर अपराध है। झाड़ की चपेट में आने से स्कूली बच्चों की जान भी जा सकती है।
मध्याह्न भोजन में मिले थे कीड़े
सूत्रों की माने तो इस स्कूल में हाल ही में मध्यान भोजन में कीड़े मिले थे। बच्चों ने भोजन में कीड़े की शिकायत पालकों से कर दी। स्कूल के शिक्षकों ने मामले को दबा दिया। इस तरह की कई बार पालकों को बीईओ दफ्तर में लिखित शिकायत कर चुके हैं। पर स्कूल में सुधार नहीं किया जा रहा है। बच्चों को किचन गार्डन में भी काम करना पड़ता है। इसकी शिकायत पालकों से लगातार करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सूत्रों की माने तो इस स्कूल में हाल ही में मध्यान भोजन में कीड़े मिले थे। बच्चों ने भोजन में कीड़े की शिकायत पालकों से कर दी। स्कूल के शिक्षकों ने मामले को दबा दिया। इस तरह की कई बार पालकों को बीईओ दफ्तर में लिखित शिकायत कर चुके हैं। पर स्कूल में सुधार नहीं किया जा रहा है। बच्चों को किचन गार्डन में भी काम करना पड़ता है। इसकी शिकायत पालकों से लगातार करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
स्कूली बच्चों को हमने पेड़ पर नहीं चढ़ाया था। स्वीपर ने किचन गार्डन घेरने के छात्रों को पेड़ पर चढ़ा दिया था। एक या दो डाल बच्चों ने काटा या स्वीपर ने हमें जानकारी नहीं है। स्वीपर को बच्चों को पेड़ पर चढऩे से मना किया गया था।
नेमीचंद सिन्हा, एचएम पूमाशा नरहरपुर
नेमीचंद सिन्हा, एचएम पूमाशा नरहरपुर