महिला एवं बाल विभाग (Women and child development department) और पुलिस की टीम को खबर मिली थी कि वहां नाबालिग की शादी कराई जा रही है। खबर पुख्ता निकली लेकिन सात फेरे लेने के लिए दुल्हन बन चुकी नाबालिग छात्रा (Teenage bride) से लेकर उसके मां-बाप और परिजनों ने शादी रोकने से इनकार कर दिया नाबालिक दुल्हन ने शादी रुकवाने पर जहर खाकर जान देने की धमकी दे दी। तनाव इतना बड़ा कर टीम को अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी जिसके बाद मामला शांत हुआ और शादी रोक दी गई।
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पखांजूर को एक गोपनीय सूचना मिली कि पीवी 52 में नाबालिग बालिका (Minor girl) की शादी कराई जा रही है। शादी शाम 6:30 बजे होने वाली थी। चाइल्ड लाइन ने तत्काल इसकी सूचना बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया को दी। अधिकारी ने गांव में मौजूद विभाग के कार्यकर्ता से जांच कराई तो सूचना सही पाई गई। शादी रुकवाने पहुंचने में देरी होने को देखते हुए बाल संरक्षण अधिकारी ने इसकी सुचना महिला एवं बाल विकास अधिकारी और पुलिस को दी।
वो तत्काल एक्शन लेते हुए एक टीम बनाकर गांव पहुंचे।जब नाबालिग बालिका (Minor Girl) की जांच की गई तो उसकी 18 वर्ष की आयु पूरी होने में अभी 9 महीने शेष थे। टीम ने शादी तत्काल रोकने को कहा लेकिन परिवार वाले नहीं माने। जब टीम ने दबाव बनाया तो बालिका के माता-पिता बेहोश होने का नाटक करने लगे।
नाबालिग दुल्हन ने टीम को धमकी दी कि यदि शादी रुकवा दी गई तो वह जहर खाकर जान दे देगी। उसकी धमकी के बाद टीम सकते में आ गयी और उसने इसबारे तत्काल सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने गांव में अतिरिक्त फ़ोर्स भेजी जिसके बाद माहौल शांत हुआ।
जेल और जुर्माने के डर से माने परिवार वाले
नाबालिग बालिका (Teenage bride) के माता-पिता व अन्य परिजनों के नहीं मानने पर टीम (Women and child development department) ने उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान की जानकारी दी। साथ ही बताया कि यदि कोई बाल विवाह करवाएगा तो उसे भी एक लाख रुपये जुर्माना के साथ ही 2 साल कठोर कारावास की सजा भी भुगतनी होगी। इसमें शामिल होने वाले पंडित से लेकर सभी लोगों को भी यह सजा होगी। इसके बाद माता-पिता व परिजन सभी मान गए।