ग्राम पंचायत धनोरा के ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार के यहां शिकायत किए थे कि गांव में मोतीलाल साहू अवैध ढंग से लाल ईंटों तैयार कर रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया था कि शासन से लाल ईंट बनाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। धान का छिलका और जंगली लकड़ी को लालईंट पकाने में उपयोग किया जा रहा है। गांव में प्रदूषण बढ़ रहा है। ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय की ओर इस तरह के कारोबार करने पर रोक लगी है। खनिज विभाग और राजस्व विभाग में शिकायत करने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नायब तहसीलदार सरोना ने मुड़पार, सरोना और धनोरा गांव के पटवारियों के साथ लालईंट भट्टा संचालक के यहां छापेमारी की तो मौके पर एक लाख से अधिक ईंट तैयार मिली। नायब तहसीलदार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा तैयार कराया और जब्त लालईंट को ग्राम पंचायत के हवाले कर दिया। दुधावा पुलिस को भी सूचना दे दी कि धनोरा में जब्त लालईंट का परिवहन किसी व्यक्ति द्वारा नहीं करने दिया जाए। इस कार्रवाई के बाद से मालगांव के बरकई और आसपास के गांवों में हडक़ंम मचा है। पत्रिका के पड़ताल में जानकारी मिली कि सरोना के आसपास के गांवों में बड़े पैमाने पर लालईंट को तैयार कराया जा रहा है। जबकि खनिज विभाग की ओर से इस तरह की लालईंट पर रोक लगाए जाने का आदेश शासन से है।
बताया जा रहा कि लालईंट बनाने वाले खनिज विभाग के जिम्मेदारों से मिल भी चुके हैं। आपस में समझौता हो गया है। किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का करार भी कर लिया गया है, जो बड़े संदेह को जन्म दे रहा है। अगर विभाग के जिम्मेदार ही इस तरह की अनदेखी करें तो शिकायत करने वालों को कहां तक न्याय मिलेगा।