21 मई से पहले कांकेर जिला ग्रीन जोन में शामिल था। उस समय तक जिले में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया था। इस दौरान मुंबई से अपने गांव लौटे एक युवक को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। जिला में हड़कंप मच गया। इसके बाद कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ता गया और 28 मई तक आंकड़ा 15 तक पहुंच गया। जिले में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ता देख जिला प्रशासन हरकत में आ गई और 28 मई को जैसे ही तीन नए मामले सामने आए तो कोरोना की रोकथाम के लिए टोटल लॉकडाउन का फैसला किया और दोपहर 12 बजे से ही दुकानों को बंद करा दिया गया।
इस दौरान मेडिकल, पेट्रोल पंप को छोड़कर शेष सभी दुकानों को आगामी आदेश तक बंद कराने के आदेश जारी के साथ ही सब्जी और फल व्यापारियों को भी अनुमति नहीं दिया गया। शुक्रवार को सुबह जब गांव से सब्जी व्यापारी नगर पहुंचने लगे तो उनको नगर में जाने से रोक दिया गया। जिसके चलते व्यापारियों में आक्रोश भी दिखाई दिया, लेकिन शासन के आदेश का पालन करते हुए नगर से बाहर चौक पर सड़क किनारे ही सब्जी पर लगाते हुए दिखाई दिए।