जांच में पुष्टि होने के बाद कई छात्रों को कैंपस से किया गया बाहर मालूम हो कि रैगिंग की शिकायत बैच-17 के छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से की। जांच में पुष्टि होने पर प्राचार्य डॉक्टर डीएस मार्तोलिया ने बैच-16 के छात्र मास्टर हरदीप सिंह, संतोष कुमार, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद अमान सिद्दीकी, नितिन कुमार सिंह, दिव्यांशु कुमार सिंह, हर्षित कुमार, दिलशाद हुसैन, विवेक प्रताप सिंह, सिद्धांत सेठी, देवाशीष सिंह और प्रवीन वर्मा को छात्रावास और कॉलेज कैंपस से बाहर कर दिया था।
80 से अधिक छात्रों पर मामला दर्ज इस मामले में संबंधित छात्रों के परिवारीजनों को भी कॉलेज बुलाया गया है। वहीं बैच-16 के छात्रों की पिटाई से घायल बैच-17 के छात्र अल्तेश की तहरीर पर पुलिस ने बैच-13 के गौरव प्रताप सिंह, प्रवीण यादव, आत्मा राम, बैच-14 के रवींद्र कुमार, बैच-15 के अमित कुमार सिंह, सुनील कुमार, बैच-16 के हरदीप सिंह, सलमान, नितिन, अमान सिद्दीकी, संतोष सिंह, दिव्यांशु सिंह, हर्षित और 70 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हॉस्टल में घुसकर की थी तोडफ़ोड़ व मारपीट अल्तेश के मुताबिक आरोपी छात्रों ने हास्टल में घुसकर तोडफ़ोड़ और छात्रों के साथ मारपीट की थी। एएसपी केशव चंद्र गोस्वामी के मुताबिक सोमवार रात से करीब दस घंटे तक छात्रों का उपद्रव व हंगामा चलता रहा। दोषी छात्रों पर कार्रवाई होगी। कॉलेज से निष्कासित छात्रों को अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा।
एसडीएम व सीओ ने संभाली थी कमान देर रात बवाल की सूचना पर एसडीएम सदर शालिनी प्रभाकर, तिर्वा सीओ मोनिका यादव, सीओ सिटी लक्ष्मी कांत गौतम के साथ अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। एसडीएम सदर पहले तिर्वा में तैनात रह चुकी हैं। इसलिए उनको छात्रों को समझाने का जिम्मा दिया गया। इस दौरान छात्र हास्टलों के बाहर नारेबाजी करने के साथ फैकल्टी के खिलाफ भी गुस्सा जताते रहे। कुछ देर में पुलिस व प्रशासन ने समझाया तो पथराव बंद होने के साथ नारेबाजी भी रुक गई।
शाम से ही बिगड़ने लगे थे हालात मेडिकल कालेज में मौजूदा वक्त में करीब 296 सीनियर छात्र हैं जबकि २०० जूनियर छात्र अध्ययनरत हैं। इनके बीच कई बार थोड़ी बातों पर कहासुनी हो चुकी है। शाम करीब चार बजे कुछ सीनियर छात्रों ने जूनियरों से रैङ्क्षगग शुरू कर दी। इसको लेकर जूनियर छात्रों ने विरोध जताया। उस दौरान मामला सुलट गया। इसके बाद छात्रों में शांति हो गई लेकिन अंदर ही अंदर ङ्क्षचगारी सुलगती रही। देर रात मेस में पहुंचने के बाद फिर हालात बिगड़ गए।