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कन्नौज

एक्सप्रेस पर रफ्तार का कहर : कार हुई राख, छह जिंदा खाक

अनियंत्रित कार बेकाबू होकर डिवाइडर से टकराई, दुर्घटना में दो मासूमों के साथ चार अन्य लोगों की मौत

कन्नौजNov 05, 2017 / 12:09 pm

आलोक पाण्डेय

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कन्नौज. रफ्तार के शौक ने परिवार के छह लोगों की जिंदगी का अंत कर दिया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर शनिवार की देर रात अनियंत्रित कार डिवाइडर से टकराने के बाद धधक उठी। नतीजे में कार में सवार सभी छह लोगों की मौके पर मौत हो गई। दुर्घटना के बाद कार का सेंट्रल लॉक फंस गया था, जिसके कारण कार के अंदर से लोग बाहर नहीं निकल पाए। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में एक व्यक्ति ने पीछे का शीशा तोडक़र मासूम को बाहर फेंककर खुद भी छलांग लगाई, लेकिन जिस्म की आग जिंदगी को राख करनेे के बाद ही बुझी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मिट्टी डालकर कार की आग बुझाई, लेकिन अंदर सिर्फ अधजले शव ही मिले।
सौरिख रैंप के पास तीखे मोड़ के कारण हुआ हादसा

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कई शहरों और प्रमुख कस्बों में उतरने-चढऩे के लिए रैंप बनाए गए हैं, लेकिन रैंप के नजदीक आने की सूचना देने वाले साइन बोर्ड बेहद छोटे हैं। ऐसे में अक्सर ही तेज रफ्तार वाहनों को अमुक रैंप को खोजने में दिक्कत आती है। इसके अतिरिक्त लखनऊ से आगरा की ओर चलने पर औरैया, सौरिख और तालग्राम के पास रैंप के नजदीक ही तीखे मोड़ हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एनसीसी प्लांट के करीब सौरिख मोड़ के पास तेज रफ्तार आई-10 कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। हादसे के बाद कार के इंजन में आग धधकने लगी, जोकि देखते-देखते पूरी कार में फैल गई।
बिहार का ठाकुर परिवार आगरा घूमने निकला था

कन्नौज पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि इंजन में आग लगते ही कार का सेंट्रल लॉक फंस गया। इसी कारण वक्त मिलने के बावजूद कार में सवार लोग बाहर नहीं निकल पाए। कार के अंदर अधजले सामान में एक डायरी से प्राप्त मोबाइल नंबर से संपर्क करने पर मालूम हुआ कि बिहार के सीवान जिले में महेंद्रनाथ मंदिर के करीब रहने वाले ठाकुर त्रिलोकी सिंह के बेटे विनय सिंह और अभय सिंह अपने परिजनों के साथ आगरा घूमने निकले थे। विनय -अभय के अलावा चचेरे भाई और उनकी पत्नी के अलावा दो मासूम बच्चे भी कार में सवार थे। हादसे में सभी छह लोगों की मौके पर मौत हो गई।
जिंदगी बचाने के लिए शीशा तोड़ा, लेकिन देर हो चुकी थी

मौके के हालात बताते हैं कि विनय के परिवार ने जिंदगी बचाने के लिए कार के अंदर तमाम जतन किए। सभी शव इस कदर जल चुके हैं कि पहचान मुश्किल है। बहरहाल, पीछे की सीट पर बैठे व्यक्ति ने जैसे-तैसे पीछे का शीशा तोडक़र एक मासूम को बाहर फेंका और खुद भी बाहर कूदा, लेकिन आग की लपटों ने पीछा नहीं छोड़ा। दोनों के अधजले शव के कार के बाहर मिले, जबकि शेष चार लाश कार की सीट पर पड़ी मिली हैं। पुलिस को सीवान से आए फोन पर किसी रिश्तेदार ने बताया है कि हादसे के शिकार दोनों सगे भाई परिवार के साथ दिल्ली में जेके फस्र्ट में रहते थे। दोनों भाई का वहां कपड़े और कॉस्मेटिक का कारोबार था, जबकि दंपती दंपती युवक पुलिस में होना बताया जा रहा है।
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