जुलाई माह के आंकड़े ही भयावह आपको बताते चले कि लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे कन्नौज के पांच थाना क्षेत्रों की सीमाओं से होकर गुजरता है। जनपद में इसकी लंबाई लगभग 62 किलोमीटर के आस-पास है। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे लखनऊ से मिलाकर आगरा तक 302 किलोमीटर है व यह 8 जिलों से होकर गुजरता है लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा तक है।
कन्नौज में अगर जुलाई माह में हुए हादसों की बात की जाए तो 1 जुलाई को दो लोग घायल हुए थे, 2 जुलाई को कार कंटेनर से टकराने से 1 की मौत 5 घायल हुए थे, 7 जुलाई को कोरियर लेकर जा रहे ट्रक के हाइवे के नीचे गिरने से 2 लोग घायल हुए थे, 10 जुलाई को एम्बुलेंस पलटने से चालक घायल हुआ था तथा 11 जुलाई को एक बुलेरो कार कंटेनर से टकरा गई थी जिसमें 8 की मौत व 3 लोग घायल हुए थे। अगर जुलाई माह में मौतों की बात की जाए तो 9 मौते और 13 लोग घायल हुए है।
बड़े हादसे एक नजर में – 29 नवंबर 2017 को कार पलटने से दो लोगों की मौत,
– 30 सितंबर 2017 को कार डिवाइडर से टकराकर पलटी 6 लोगों की मौत,
– 5 नबम्बर को कार में आग लगने से 5 लोगों की मौत,
– 5 दिसंबर 2017 कार डिवाइडर से टकराई 1 की मौत,
– 26 मार्च 2018 अनियंत्रित होकर कार पलटने से 2 की मौत,
– 5 अप्रैल 2018 को दो कारों के टकराने से 3 की मौत,
– 23 जून 2018 को कार डिवाइडर से टकराकर पलटी 2 की मौत,
हादसे रोकने का खाका हुआ तैयार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए अब एक्सप्रेस-वे पर एटीएमएस डिवाइस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) की मदद ली जाएगी। एटीएमएस डिवाइस की मदद से वाहनों की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से ऊपर होने पर चालक के मोबाइल पर जागरूकता संदेश पहुंचेगा और अनदेखी पर वाहन का चालान होगा। एक्सप्रेस-वे पर लगभग हर दिन कोई न कोई हादसा होता है। महीने भर में इस हाई-वे पर कम से कम तीन दर्जन लोगों की मौत हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों की तेज रफ्तार और चालकों को गाड़ी चलाते वक्त झपकी आना बन रहा है। बिना रुके आगरा से लखनऊ तक 302 किलोमीटर का सफर करना भी खतरनाक है। गति पर रोक लगाने के लिए अब जल्द ही शासन स्तर से एटीएमएस डिवाइस को लांच किया जाएगा और टोल प्लाजा के आसपास व चुनिंदा जगहों पर यह डिवाइस लगाई जाएगी।
एप बनेगा सहायक एक एप के जरिये आप की जान को सुरक्षित रखने का खाका तैयार हो चूका है, जिससे सभी वाहन चालक या वाहन स्वामी को टोल प्लाजा पर इस एप से जोड़ा जाएगा। टोल प्लाजा पर पहुंचते ही कर्मचारी वाहन चालक के स्मार्ट फोन पर प्ले स्टोर से एटीएमएस के नाम से एप इंस्टॉल कराएंगे। इसके बाद एक्सप्रेस-वे पर सफर करते वक्त डिवाइस के सेंसर वाहन की गति का आकलन कर लेंगे। जैसे ही वाहन की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक होगी, तुरंत ही मोबाइल पर संदेश पहुंचेगा। इसमें वाहन की रफ्तार कम करने को कहा जाएगा। जिन लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं होंगे, उनके मोबाइल नंबर लिए जाएंगे। स्पीड बढ़ाते ही मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज भेजा जाएगा। इसके साथ ही कॉल करके भी चेताया जाएगा। संदेश के बाद दूसरी डिवाइस को क्रास करने पर चालान हो जाएगा। सेंसर गाड़ी का नंबर ट्रेस करेंगे और ई-चालान रसीद को गाड़ी मालिक के घर भेजी जाएगी। इसका सरकारी भुगतान भी गाड़ी मालिक को जमा करना होगा।
जल्द बनेगा कंट्रोल रूम मुख्य सुरक्षा अधिकारी यूपीडा की माने तो एटीएमएस डिवाइस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) को लागू करने के लिए शासन से इस डिवाइस को हरी झंडी मिल गई है। अब कहां कंट्रोल रूम बनाना है और कहां-कहां पर डिवाइस लगाई जानी है, इसकी व्यवस्था तय करने के लिए जल्द बैठक की जाएगी।
यह होंगे फायदे – मोबाइल पर एप से यातायात नियमों की जानकारी।
– एक्सप्रेस-वे पर दिक्कतों की शिकायत भी होगी दर्ज।
– डीजल व पेट्रोल खत्म होने पर तुरंत होगा उपलब्ध।
– तेज रफ्तार होने पर चालकों को मिलेगी चेतावनी।
– पेट्रोलिंग गाडिय़ां भी रहेंगी अलर्ट, करेंगी पीछा।