उसका कहना है कि उसकी मां और उसका सगा भाई मौसी के साथ मिलकर उसको दो लाख रुपये में बेंच दे रहे हैं जिसका पचास हजार रुपये यह लोग एडवांस भी ले चुके हैं। जब यह बात मालूम पड़ी तो वह किसी तरह से इन लोगों के चंगुल से बचकर अपनी जान बचाकर अपनी बहन के पास भाग कर आई और पूरी बात बहन से कही जिसके बाद बहन ने उसको न्याय दिलाने के लिए उसे लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में न्याय की गुहार लगाने पहुंची।
…तो मारने-पीटने लगी
मेरी माँ और भाई लालची हैं, उन्होंने मेरा दो लाख रुपए में सौदा कर दिया, 50 हजार एडवांस भी ले लिए। यह कहना है, तालग्राम की 16 वर्षीय रिहाना का। रिहाना आगे बताती है कि हम लगभग आठ सालों से अपने चचेरी मौसी के घर पर रहते थे, मेरे पिता जी मर गए थे तो मेरी माँ और विकलांग भाई भी यही पर रहता था। हम उनके घर का झाड़ू-पोंछा करते थे और कारचोप का भी काम करते थे। शुरुआत में वो हमें काम का पैसा देती रही और हम अपना खर्च चलाते रहे, लेकिन अभी थोड़े दिन पहले हम रुपए मांगते थे तो मारने-पीटने लगी, हमारी अम्मी और भाई भी उन्हीं की कहने लगे और हमें बेचने का प्लान बनाने लगे। हमारी मौसी भाई को जुआ और शराब के लिए पैसे देती थी और बाद में हमसे कहती थी तेरे ऊपर कर्जा है तू हमें रुपए दे और मरती थी और अपने देवर और पड़ोसी से भी मरवाती थी। मौसी का नाम बेबी है, उसी के देवर से हमारा सौदा की वो फर्रुखाबाद का है। उसका गलत काम है। एक सप्ताह पहले हम रात को सब लोगों के सोने के बाद घर से निकल कर 10 किमी दूर सतौरा अपनी बहन के घर चले गए। सुबह वो लोग गाड़ी भर के हमें पकडऩे बहन के घर आ गए, तब गाँव वालों ने हमे बचाया।
मेरी माँ और भाई लालची हैं, उन्होंने मेरा दो लाख रुपए में सौदा कर दिया, 50 हजार एडवांस भी ले लिए। यह कहना है, तालग्राम की 16 वर्षीय रिहाना का। रिहाना आगे बताती है कि हम लगभग आठ सालों से अपने चचेरी मौसी के घर पर रहते थे, मेरे पिता जी मर गए थे तो मेरी माँ और विकलांग भाई भी यही पर रहता था। हम उनके घर का झाड़ू-पोंछा करते थे और कारचोप का भी काम करते थे। शुरुआत में वो हमें काम का पैसा देती रही और हम अपना खर्च चलाते रहे, लेकिन अभी थोड़े दिन पहले हम रुपए मांगते थे तो मारने-पीटने लगी, हमारी अम्मी और भाई भी उन्हीं की कहने लगे और हमें बेचने का प्लान बनाने लगे। हमारी मौसी भाई को जुआ और शराब के लिए पैसे देती थी और बाद में हमसे कहती थी तेरे ऊपर कर्जा है तू हमें रुपए दे और मरती थी और अपने देवर और पड़ोसी से भी मरवाती थी। मौसी का नाम बेबी है, उसी के देवर से हमारा सौदा की वो फर्रुखाबाद का है। उसका गलत काम है। एक सप्ताह पहले हम रात को सब लोगों के सोने के बाद घर से निकल कर 10 किमी दूर सतौरा अपनी बहन के घर चले गए। सुबह वो लोग गाड़ी भर के हमें पकडऩे बहन के घर आ गए, तब गाँव वालों ने हमे बचाया।
जो अच्छी पार्टी दिखती है, उसी को बेंच देता है सतौरा निवासी 38 वर्षीय मैनाज की माने तो हमारी बहन लगभग आठ सालों से वहाँ काम करती थी, वो हमारी दूर की मौसी है, माँ और विकलांग भाई भी साथ में रहता था, वो हमारी बहन से झाड़ू-पोंछा और कारचोप का काम कराती थी। जब रिहाना पैसे मांगती थी तो सौ-दो सौ रुपए दे देती थी,ये 6-7 साल ऐसे ही चलता रहा,जब रिहाना ने हिसाब करने को कहा तो उन्होंने मारपीट की और कहा तुम्हे यही रहना पड़ेगा, मेरी माँ और भाई दोनों मौसी के पक्ष में थे। तीनों ने मिलकर इसका दो लाख रुपए में मेसर और शनी के हाथ सौदा कर दिया, मेसर इनका देवर है वो फर्रुखाबाद में रहता है, उसका लड़कियों का धंधा है,जो अच्छी पार्टी दिखती है, उसी को बेंच देता है।
रिहाना की मदद कर रहे एडवोकेट नाजिम अख्तर की मानें तो हमारे पास दो-तीन दिन पहले एक लड़की जो कि नाबालिक है। 16-17 साल की है। अपनी बहन के साथ आई थी। उसने कहा वकील साहब हम बहुत परेशान है, एक एप्लिकेशन हमें देनी है कप्तान साहब को। हमने जब पूछा की क्या मामला है तो उसने सच्चाई बताई।
श्रम विभाग को निर्देश दिए गए हैं
पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाईं जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की बात कहते हुए यह बताया कि उसने जो काम किया है उसका रुपया उसको नहीं दिया गया है जिसके यहां काम करती है वह उसकी रिश्ते की मौसी ही है। पुलिस के मुताबिक जो काम के बदले पैसा न मिलने की बात कही गयी है उसके लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए गए हैं और अन्य तरह की कोई उत्पीडऩ की कार्यवाही न होने के लिए जॉच की बात कही है। हालांकि युवती को बेंचने और बंधक बनाये जाने की बात पर पुलिस का कहना है कि अभी तो वह अपनी बहन के साथ प्रार्थनापत्र देने आई है जिसकी जांच की जाएगी।
पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाईं जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की बात कहते हुए यह बताया कि उसने जो काम किया है उसका रुपया उसको नहीं दिया गया है जिसके यहां काम करती है वह उसकी रिश्ते की मौसी ही है। पुलिस के मुताबिक जो काम के बदले पैसा न मिलने की बात कही गयी है उसके लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए गए हैं और अन्य तरह की कोई उत्पीडऩ की कार्यवाही न होने के लिए जॉच की बात कही है। हालांकि युवती को बेंचने और बंधक बनाये जाने की बात पर पुलिस का कहना है कि अभी तो वह अपनी बहन के साथ प्रार्थनापत्र देने आई है जिसकी जांच की जाएगी।