काफी देर चले इस संघर्ष में कई किसानों व पुलिसकर्मियों को चोटें आई, एसडीओ, सीओ व तहसीलदार भी पत्थर लगने से जख्मी हो गए। पुलिस ने उपद्रव करने वालों को चिह्नित करके मुकदमा दर्ज कर लिया। मौके से पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में भी लिया है। कई गांवों के ग्रामीण सुबह से ही चपुन्ना चौकी क्षेत्र के गढि़यापाह तिराहे पर दुर्गा मंदिर के सामने एकत्रित होने लगे थे। उनमें बिजली विभाग को लेकर बेहद आक्रोश था। पेड़ों को काटकर किसानों ने रास्ता जाम कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। जाम की सूचना पर चौकी पुलिस पहुंची, लेकिन किसान नहीं माने। सौरिख थानाध्यक्ष आरपी पांडेय और सीओ श्रीकांत भी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। सीओ ने कई चक्र किसानों से वार्ता की, लेकिन बात नहीं बनी। कई घंटे बीत जाने के बाद वाहनों की लंबी कतारें लग गई। किसान जेई और एसडीओ को बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
इसी बीच सीओ व तहसीलदार ने फिर समझाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों से उनकी नोकझोंक होने लगी। देखते ही देखते ग्रामीण और पुलिस के बीच मोर्चा खुल गया। ग्रामीणों के पथराव करने पर पुलिस ने लाठी भाजनी शुरू कर दी। मामला बिगड़ने के बाद अधिकारियों ने मौके पर विशुनगढ़, छिबरामऊ, तालग्राम के थानों का फोर्स बुला लिया। कई घंटो तक पुलिस ने भी ग्रामीणों पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पीएसी बल भी तैनात कर दिया गया। दोनों ओर से हुए पथराव की चपेट में सीओ के साथ एसडीओ सौरिख और तहसीलदार अबुल कलाम भी आ गए और चुटहिल हो गए। दोनों किसानों का आक्रोश देख मौके से भाग गए।
पुलिस ने किसानों को खेतों में कई किलोमीटर दूर तक खदेड़ा। पुलिस ने सड़क पर पेड़ व झाड़ियां हटवा रास्ता खुलवा कर यातायात बहाल कराया। लाठीचार्ज के बाद कई लोग मौके पर बाइक छोड़कर भाग गए। पुलिस ने सभी बाइक ट्रक में लदवाकर थाने भेज दी। हिरासत में लिए गए मुखड़ा निवासी हाशिम, मुर्रा निवासी सोनू व हेमूं पांडेय का कहना है कि वे बाहर से लौट रहे थे। पुलिस ने बेवजह ही पकड़ लिया है।
इन गांवों में बिजली की परेशानी किसानों की शिकायत है कि एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी एक साथ दो घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली कटौती की परेशानी से मुखड़ा, मुर्रा, भाउलपुर, कुतुबपुर, शरीफपुर, आलूपुर, उडैलापुर, बौसिया, नगला धरमाई, बीलमपुर, गढि़या पाह, तरींद्र, नगला मक्क, कुंअरपुर, जरियापुर सहित कई अन्य गांव प्रभावित हो रहे हैं।