कभी त्रेता युग में सौ ऋषियों की थी तपोभूमि, पहले चुनाव में हाथ उठाकर हुई थी वोटिंग
सनातन और वैदिक परंपरा से संपन्न कस्बा सौरिख आज बदहाली के आंसू बहा रहा है।

कन्नौज. जिले की सौरिख नगर पंचायत, त्रेता युग में सौ ऋषियों की तपोभूमि रही है। सौरिख नगर पंचायत अतीत में वैदिक परंपराओं में परिपूर्ण रहा है। देश आजाद होने के बाद इसे ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया, तब हाथ उठाकर वोटिंग होती थी और ग्राम प्रधान चुना जाता था। यहां तक कि छोटे-मोटे विवादों को स्थानीय स्तर पर ही हल कर लिया जाता था। 1982 में इसे टाउन एरिया घोषित किया, तब लोगों ने इसकी राजनीतिक विरासत को आत्मसात किया।
लंकापति रावण की पत्नी मंदोदरी ने सौ ऋषियों के साथ जिस आश्रम में तपस्या की थी, वहां आज टीला मौजूद है। माता सीता ने यहां स्नान किया था। ऋषि भूमि इंटर कॉलेज परिसर में स्थित वनखंडेश्वर नाथ मंदिर के पास जान की कुंड आज भी बना है। सनातन और वैदिक परंपरा से संपन्न कस्बा सौरिख आज बदहाली के आंसू बहा रहा है।
ऐसे चला सफरनामा
देश आजाद होने के बाद 1952 में पहली बार पंचायत चुनाव हुए तो हाथ उठवाकर वोटिंग की गई, जिसमे विद्याराम चतुर्वेदी को ग्राम पंचायत का पहला प्रधान होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वह 3 बार लगातार प्रधान रहे। इसके बाद 1972 में बनवारी लाल चौरसिया को प्रधान चुना गया। 1977 में पहली बार मतपत्र से वोट डाले गए, जिसमे फिरासत हुसैन निर्वाचित हुए थे। कार्यकाल के दौरान ही उनकी मौत हो गई। तब उपप्रधान शाहिद अली को ग्राम प्रधान बनाया गया।
1982 में टाउन एरिया घोषित होने के बाद सुपरसीड हो गई। 1988 में हुए पहले चुनाव में शाहिद अली पहले चेयरमैन बने। 1993 में यह फिर सुपरसीड हो गई और कब 1995 में चुनाव हुआ तो मोहम्मद मतीन चेयरमैन बने। वर्ष 2002 में, बबली यादव उर्फ नीलम चेयरमैन बनी। उन्होंने 2012 तक अपना कब्जा बरकरार रखा। 2012 में हुए चुनाव में कांति देवी यादव चेयरमैन बनी। अब देखना है कि इस बार चुनाव में जनता किसके साथ है|
स्थानीय स्तर पर होता था विवादों समाधान
सौरिख सदर बाजार में जहां आज नगर पंचायत कार्यालय बना है। वहां पहले पंचायत घर होता था। कस्बे के बुजुर्गों के अनुसार प्रधान पंचायत घर में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते थे। छोटे विवादों को कोर्ट या पुलिस के पास नहीं जाने दिया जाता था। स्थानीय स्तर पर ही इनका समाधान कर दिया जाता था। टाउन एरिया बनने के बाद इसी पंचायत घर में नगर पंचायत कार्यालय बना दिया गया था।
पहले होते थे 4 सदस्य अब 11 वार्ड
सौरिख जब ग्राम पंचायत थी, तब गांव में केवल 4 सदस्य होते थे। 1977 तक सदस्यों की संख्या बढ़कर 8 हो गई। नगर पंचायत बनने के बाद इसमें 10 वार्ड बनाए गए। वर्तमान में 11 वार्ड हैं सभी वार्डों में सभासद चुने जाते हैं।
नगर पंचायत सौरिख
वार्डों की संख्या - 11
मतदान केंद्र - 9
मतदेय स्थल - 23
जन संख्या - 14073
मतदाता - 10073
पुरुष मतदाता -5424
महिला मतदाता -4649
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