कन्नौज में सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़ जाए इससे सशंकित जिला प्रशासन ने निकाला शांति मार्च, सड़क पर चल रही पुलिस की टोलियों ने लगाया हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-इसाई आपस में हम सब भाई-भाई का नारा
नीरज श्रीवास्तव. कन्नोज. उत्तर प्रदेश के कैराना से हिन्दू परिवारों के पलायन को लेकर जिस प्रकार भाजपा सरगर्मी बनाए हुए है, इसी को देखते हुए इन दिनों कन्नौज का जिला प्रशासन सशंकित है कि एक साल के अंदर दो दंगे का दंश झेल चुका कन्नौज कहीं फिर साम्प्रदायिकता की आग में न झुलस जाए। इसको लेकर जिले में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया और शान्ति मार्च का आयोजन करके शहर भर में भ्रमण कर लोगों को आपस में भाई-चारा बनाये जाने का संदेश दिया।
कन्नौज में पिछले रमजान के महीने में साम्प्रदायिक दंगा हुए लगभग एक वर्ष बीत रहा है, लेकिन इस दंगे की आग अभी भी कुछ लोगों के दिलों में सुलग रही है। दंगों के आरोपियों को पुलिस ने जेल भी भेज दिया था, जिसके बाद वह सभी अब जमानत पर रिहा चल रहे है। उधर भाजपा जिस प्रकार से कैराना मुद्दे पर सरगर्मी बनाए हुए है। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन इस बात को लेकर सशंकित है कि कहीं दोबारा कन्नौज का माहौल न बिगड़ जाये।
इसको लेकर जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसी को लेकर सड़क पर चल रही पुलिस की यह टोलियाॅ एक ही बात कह रही है कि हम सब एक है। हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-इसाई आपस में हम सब भाई-भाई यह नारा अमन के साथ दिलों से नफरत मिटाने वाला है। जिसकी इस समय पूरे भारत को जरूरत है। अमन चैन का संदेश लेकर कन्नौज जिला प्रशासन यही संदेश पूरे देश को देना चाहता है कि दिलों से नफरत को मिटाओ और सब लोग एक दूसरे का सहयोग करें। जनता किसी के बहकावे में न आये।
नारेबाजी से गूंजा पूरा शहर
हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-इसाई आपस में हम सब भाई-भाई, आवाज दो हम एक हैं, भारत माता की जय आदि नारों से पूरा शहर गुंजायमान तब हो गया जब सड़क पर चल रही पुलिस की टोलियों के साथ शहर के नागरिक हाथ में हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल के लिखे स्लोगन के साथ नारेबाजी कर रहे थे।
क्या कहा जिलाधिकारी ने
कहीं माहौल को कुछ लोगों द्वारा दोबारा न बिगाड़ दिया जाए, इस बात को लेकर जिला प्रशासन कितना चिंतित है जिलाधिकारी का यह सम्बोधन खुद ही बयां कर रहा है – कि मैं एक बात कहना चाहता हं, जो जरूरी है यहाँ पर। एक साल लगभग होने को है इतिहास में पहली बार कन्नौज किसी चीज को लेकर बदनाम हुआ है। सांप्रदायिक हिंसा को लेकर के यहां कभी कोई ऐसी न्यूज नहीं बना थी। पहली बार ऐसा हुआ था। उसके बाद फिर उस घटना की पुनरावृत्ति हो जाती है। दो तीन महीने में एक बार ऐसा लग रहा है और मैं यह बात जानबूझ के कह रहा हूँ कि ऐसा लग रहा है। दस पंद्रह दिनों से कुछ लोग फिर से सक्रीय हो रहे हैं और छोटी छोटी बातों को बड़ा बनाने की जुगत में लगे हैं। यह सही समय है। यह मार्च जो है कोई गड़बड़ी होने से पहले हुयी है।