बताते चलें कि कन्नौज जिले में करीब 670 हेक्टेयर में फूलों की खेती होती है। गुलाब के साथ-साथ बेला चमेली मेहंदी व गेंदा कन्नौज में ही होता है। इत्र फैक्ट्रियां बंद होने से किसानों की मेहनत इस बार खेत में ही दम तोड़ रही है। करीब तीन साल में 70, 80 हजार रुपए की लागत में तैयार होने वाली गुलाब की फसल खराब कगार पर है। आपको बता दें कि करीब 30 हेक्टेयर में गुलाब फूलों की खेती ही होती है। जिसका रूह गुलाब इत्र के साथ साथ गुलाब जल और गुलकंद बनाने में भरी मात्रा में प्रयोग किया जाता है। इसके आलावा यह सीजन गुलाब, गेंदा, बेला और मेहँदी का होता है, लेकिन लॉक डाउन के कारण इत्र कारखाने बंद हैं और फूल की खेती करने वाले किसान का भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि करीब 90 प्रतिशत इन फूलों की खपत इत्र के कारखानों में ही है। इस समय गुलाब, गेंदा, बेला और मेहंदी का सीजन चल रहा है। जिससे करीब 300 किसान जुड़ा हैं।
लॉक डाउन के कारण परेशान किसान और आढ़ती दोनों का ही कहना है की सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे की उनके परिवार का भरण पोषण हो सके। लॉक डाउन के कारण बहुत परेशानी उठानी पड रही है। खेतों में फूल तैयार खड़े हैं, लेकिन कोई ख़रीददार नहीं मिल है।