मौके पर खड़ी एम्बुलेंस की सेवा के तहत बीमारों को प्राथमिक उपचार दिया गया। जिन किसानों की हालत गम्भीर दिखी, उन्हें जिला *****्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंस में मौजूद स्टाफ डॉक्टरों की मानें तो किसानों की हालत गर्मी के कारण ही बिगड़ी है। भीषण गर्मी में ऋणमाफी प्रमाणपत्र लेने आए कुल 10 किसान बीमार हो गए, जिनमें दो की हालत अभी भी गंभीर बनी है। जिला प्रशासन ने जब यह देखा कि लगातार लोग कार्यक्रम के दौरान बीमार पड़ने लगे तो आनन-फानन किसानों के बीच पानी की व्यवस्था की और कार्यक्रम के समापन पर नास्ता भी दिया।
ऋणमाफी कार्यक्रम की आस में सुबह नौ बजे से ही किसान भूखे-प्यासे आकर बैठ गए थे, लेकिन उनको पानी पूछने वाला भी कोई नहीं था। यहां आए किसान गर्मी में घंटों तड़पते रहे और फिर बीमार हो गए। मंच पर मौजूद लोगों के लिए पंखा और कूलर का इंतजाम किया गया था, जबकि आम लोगों के लिए पंखे तक की सुविधा नहीं थी। इसी के चलते कारण गर्मी से परेशान लोग बेहाल होते रहे और मंत्री जी मंच पर बैठकर आराम से कूलर की हवा खाते रहे।
मामले की अनदेखी कर गए मंत्री
कार्यक्रम के दौरान तेज गर्मी की बजह से बेहोश और चक्कर खाकर गिर रहे लोगों के हाल पर जब पत्रकारों ने मंत्री जी से उनकी प्रतिक्रया जाननी चाही तो मंत्री जी इस मामले की अनसुनी कर गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।
कार्यक्रम के दौरान तेज गर्मी की बजह से बेहोश और चक्कर खाकर गिर रहे लोगों के हाल पर जब पत्रकारों ने मंत्री जी से उनकी प्रतिक्रया जाननी चाही तो मंत्री जी इस मामले की अनसुनी कर गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।