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दिव्यांगों के साथ हो रहा है यह कैसा मजाक, आंखों से देखकर भी अफसर अनजान

locationकन्नौजPublished: Aug 12, 2018 02:34:25 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

दिव्यांगों के साथ हो रहा है यह कैसा मजाक, आंखों से देखकर भी अफसर अनजान

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दिव्यांगों के साथ हो रहा है यह कैसा मजाक, आंखों से देखकर भी अफसर अनजान

कन्नौज. एक तरफ जहां भाजपा सरकार दिव्यांगों को सम्मान की जिंदगी देकर उन्हें समाज की दौड़ में खड़ा करना चाहती है जिससे वह घर से निकल कर अपनी रोजी रोटी का इंतजाम कर सके इसके लिए सैकड़ों ट्राई साइकिल सरकार की तरफ से बटने के लिए आई थी, लेकिन कहीं न कहीं अधिकारीयों की लापरवाही के चलते विकास भवन परिसर में करीब एक महीने से खुले आसमान के नीचे डेढ सौ से अधिक दिव्यांगों का सहारा बनने वाली ट्राई साइकिलें बरसात में भीगकर जंग लगने से बर्वाद हो रही है। लेकिन आला अधिकारी अपनी आंखों से यह तस्वीर देखने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। जिस कारण इन ट्राई साइकिलों के कलपुर्जे भी जंग की चपेट में आकर खराब हो रहे हैं।
कितने संजीदा हैं जिम्मेदार

आपको बताते चले कि करीब एक माह पहले जिले को 158 ट्राई साइकिलें शासन द्वारा इस उद्देश्य से उपलब्ध कराई गई यह दिव्यांगों का सहारा बनेंगी। यह ट्राई साइकिलें ऐसे अपाहिजों को बांटी जानी हैं जो हाथ व पैर से विकलांग हैं जो बिना किसी सहारे के एक कदम नहीं चल सकते हैं। लेकिन इनके प्रति जनपद के जिम्मेदार अधिकारी कितने संजीदा हैं इसका अंदाजा इन ट्राई साइकिलो की हो रही दुर्दशा से लगाया जा सकता है। यह साइकिलें भरी बरसात में विकास भवन परिसर के पार्किंग में पड़ी है ।
आंखों के सामने दिख रही है बर्बादी

जिनमें अधिकतर साइकिलें तैयार हैं और कुछ साइकिलों के कलपुर्जे यहीं पर खुले में पड़े हुए हैं। जिनकी फिटिंग के लिए कारीगर का इंतजार हैं। इन साइकिलों का वितरण कब तक हो सकेगा यह अभी समय के गर्त में है। किसी अधिकारी को यह नहीं पता कि इन्हें कब तक बांटा जाएगा। लेकिन अपनी आंखों के सामने इन साइकिलों को बरसात में बर्बाद होते देख किसी अधिकारी को तरस नहीं आया। किसी ने यह भी नहीं सोचा कि आखिर जिन दिव्यांगों को इन ट्राई साइकिलों की भारी जरूरत है उन्हें जब यह जंग लगी ट्राई साइकिलें दी जाएंगी तो उनके दिल पर क्या गुजरेगी।
क्यों नहीं हुआ उचित रखरखाव

सवाल यह उठता है कि एक महीने से खुले आसमान के नीचे पड़ी साइकिलों का उचित रखरखाव अब तक क्यों नहीं किया जा सका। अधिकारियों ने समय रहते इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। अब बरसात शुरू होने के बाद भी अधिकारियों की आंखों में पानी नहीं आया और वह हाथ पर हाथ रखकर इन ट्राई साइकिलों की बर्वादी देखकर भी मौन धारण किए हुए हैं।
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