राजनीतिक पार्टियां कर रही थी प्रदर्शन गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के झूंसीनागर निवासी अड़तीस वर्षीय राम निवास दोहरे की बीते सोमवार को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आरोपी नरवेश भदौरिया, किरन और अभिषेक फरार हो गए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर बसपा और सपा जिले में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। इससे पुलिस महकमे की परेशानी बढ़ती जा रही थी। एसपी के निर्देश पर गुरुवार को आरोपियों की तलाश में सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम और गुरसहायगंज कोतवाल राजबहादुर सिंह, महिला थाना निरीक्षक ने सौरिख थाना प्रभारी आरपी पांडेय के साथ सौरिख थानाक्षेत्र के नगलाचौधरी निवासी अजय राजावत के घर दबिश दी। यहां से पुलिस ने दलित की हत्या के आरोपी नरवेश और उसकी पत्नी किरन को गिरफ्तार कर लिया।
इस तरह से पकड़ में आये आरोपी गुरुवार सुबह सीओ सदर लक्ष्मीकांत गौतम, महिला थानाध्यक्ष, गुरसहायगंज प्रभारी निरीक्षक व सौरिख थानाध्यक्ष को साथ लेकर चौकी चपुन्ना पहुंच गए। बड़ी संख्या में पुलिस बल को देखकर ग्रामीण क्षेत्र में हलचल मच गई। लोगों ने जानकारी करने का प्रयास किया लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद एकाएक पुलिस ने नगला चौधरी में कई घरों में दबिश दीं। इसके बाद एक घर से तीन लोगों को पकड़ लिया और चौकी ले आए। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि दो लोग चपुन्ना क्षेत्र से निकल कर निजी बस पर सवार हो गए हैं। इस पर कुछ पुलिस कर्मियों ने निजी बस का पीछा किया और रास्ते में बस रुकवाकर दो लोगों को उतार लिया। उन्हें भी चौकी लाया गया। कई घंटे तक चौकी में उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद सीओ सदर ने प्रभारी निरीक्षक गुरसहायगंज राजबहादुर सिंह के साथ ग्राम नगला चौधरी निवासी अजय रजावत उर्फ गोरे व उनके भतीजे पंकज के अलावा नामजद आरोपी महिला व एक अन्य युवक को कोतवाली गुरसहायगंज लेकर चले गए। पुलिस को दबिश देने वाले घर से एक चार पहिया वाहन भी मिला। इसे कब्जे में ले लिया गया। इसके बाद अन्य आरोपियों की तलाश में भी सीओ के नेतृत्व में टीम बिधूना की ओर छापामार कार्रवाई करती रही।
यह था मामला पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक किरीट कुमार राठौड़ ने बताया कि इस मामले का गुरसहायगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमे नरवेश ठाकुर उर्फ़ नन्हे व उनकी पत्नी किरन का जमीनी विवाद गांव के ही मृतक राम निवास के साथ चल रहा था इसी विवाद के चलते न्यायालय में मामला भी विचाराधीन चल रहा था इसी रंजिश को लेकर किरन व नरवेश के साथ अभिषेक ने मिलकर रामनिवास को लाठी डंडों से पीटपीटकर मरणासन्न कर दिया जिससे उसको गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।