अधिकारी कर रहे वसूली, यहां बिना पैसे दिये नहीं होता काम, महिला से मांगे पांच हजार रुपये
वसूली कर अपनी जेब भरने की आदत में सरकारी कर्मचारी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं

कन्नौज. वसूली कर अपनी जेब भरने की आदत में सरकारी कर्मचारी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। योगी राज में बस उन्होंने अपना तरीका बदल दिया है और अब किराये पर रखे लोगों को इसकी ठेकेदारी देकर उनसे यह काम करवा रहे हैं। इसकी एक बानगी उस समय दिखाई दी जब एक फरियादी छिबरामऊ तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में मुख्य विकास अधिकारी अवधेश बहादुर सिंह के सामने पहुंची और बोली साहब! पारिवारिक लाभ योजना के लिए फाइल तैयार होकर कागज समाज कल्याण कार्यालय पहुंच गए। अब जांच आई है तो पांच हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। न दे पाने की असमर्थता जताने पर लौटा दिया गया।
कन्नौज के छिबरामऊ तहसील क्षेत्र के सिकंदरपुर निवासी सुधा ने संपूर्ण समाधान दिवस में मुख्य विकास अधिकारी अवधेश बहादुर सिंह से शिकायत की कि पारिवारिक लाभ योजना के लिए फाइल तैयार होकर कागज समाज कल्याण कार्यालय पहुंच गई, और अब जांच के नाम पर पांच हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। सुधा की मानें तो समाज कल्याण विभाग से जुड़े अधिकारी के साथ एक युवक रहता है, जो इस तरह की वसूली करता है। शिकायत करने के बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। सीडीओ ने मामले की गंभीरता को देख जांच के आदेश दिए।
सुधा के आरोप पर ध्यान दें, तो इससे तो यही लगता है, कि सरकारी कर्मचारी अपनी वसूली से बाज नहीं आ रहे हैं। बस उन्होंने अपना तरीका बदल दिया, जिससे वह साफ साफ बच जाएं। वहीं, अधिवक्ता जयवीर सिंह यादव ने बताया कि जाफराबाद में छिबरामऊ से सौरिख रोड पर ब्राहिमपुर पुलिया के निकट कुछ लोगों ने निर्माण कार्य के दौरान 20 कड़ी के चकरोड को अपनी आराजी में शामिल कर लिया है। इसको मिट्टी डलवा कर काफी ऊंचा करने से दिक्कतें हैं। यह मार्ग मौजा अतरौली को जोड़ता है। दो गांवों की सीमाएं जुड़ने से सैकड़ों लोगों की आवाजाही होती है।
अब पाइए अपने शहर ( Kannauj News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज