स्वास्थ्य विभाग के दावों की खुली पोल
सरकारी दावे जमीन पर कितने कारगर हैं, इसकी नजीर कन्नौज में जलालाबाद क्षेत्र के बदलेपुरवा गांव में देखने को मिली। स्वास्थ्य विभाग कुपोषण मिटाने का दावा करता है। इसके लिये विभाग समय-समय पर कैम्प लगाकर लोगों को जागरूक करता रहता है और बाकायदा शासन को रिपोर्ट भी भेजता रहा है।
सरकारी दावे जमीन पर कितने कारगर हैं, इसकी नजीर कन्नौज में जलालाबाद क्षेत्र के बदलेपुरवा गांव में देखने को मिली। स्वास्थ्य विभाग कुपोषण मिटाने का दावा करता है। इसके लिये विभाग समय-समय पर कैम्प लगाकर लोगों को जागरूक करता रहता है और बाकायदा शासन को रिपोर्ट भी भेजता रहा है।
पिता ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप
कन्नौज जनपद के ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र के अनौगी के उपग्राम बदलेपुरवा निवासी हरीराम शंखवार के तीन बच्चे हैं, जो जन्म से ही कुपोषण के शिकार हैं। हरीराम मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। अचानक डायरिया के प्रकोप ने हरीराम के बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। गरीबी के चलते उसने सरकारी अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया, जहां इलाज में लापरवाही के चलते दो बच्चों शिवशंकर उम्र (8 वर्ष) और रामजानकी उम्र (4 वर्ष) की मौत हो गई, तीसरा बच्चा भी अस्पताल में भर्ती है। मृतक बच्चों के पिता ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
कन्नौज जनपद के ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र के अनौगी के उपग्राम बदलेपुरवा निवासी हरीराम शंखवार के तीन बच्चे हैं, जो जन्म से ही कुपोषण के शिकार हैं। हरीराम मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। अचानक डायरिया के प्रकोप ने हरीराम के बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। गरीबी के चलते उसने सरकारी अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया, जहां इलाज में लापरवाही के चलते दो बच्चों शिवशंकर उम्र (8 वर्ष) और रामजानकी उम्र (4 वर्ष) की मौत हो गई, तीसरा बच्चा भी अस्पताल में भर्ती है। मृतक बच्चों के पिता ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
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