पहुंची तीन घंटे की देरी से मोदी सरकार में मौजूदा केंद्रीय मंत्री उमाभारती अपने निर्धारित समय से जनसभा स्थल पर करीब तीन घंटा देरी से पहुंचीं। जबकि जनसभा बुलाये गए लोग 9 बजे ही बुला लिए गए जिससे बैठे बैठे उन लोगों का धैर्य जवाब दे गया, और जैसे उमाभारती जनसभा स्थल से होते हुए मंच तक पहुंची तो लोगों ने वहां से चलना शुरू कर दिया। जिसके कारण उन्हें मंच से ही कहना पड़ा कि जो लोग कार्यक्रम को छोड़कर कर जा रहे है वो यहां काफी देर से बैठे थे, मंच पर बैठे लोग भी अगर बैठे रहे तो भी मैं भाषण जरूर दूंगी।
बची सिर्फ खाली कुर्सियां केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने लोगों से कान पकड़कर देरी के लिए माफी मांगी। लेकिन इसका असर शायद वहां मौजूद लोगों में नहीं दिखा। जहां एक तरफ उमाभारती सामने मंच से गंगा स्वच्छता का पाठ पढ़ाती रही तो दूसरी तरफ लोग वहां से जाते रहे और धीरे धीरे जनसभा में सिर्फ खाली कुर्सियां ही बची। केंद्रीय मंत्री उमा भारती मंच जब सम्बोधित कर रही थीं। उसी वक्त कार्यक्रम स्थल पर अधिकांश कुर्सियां खाली थी। जो कुर्सियां भरी थी उसपर या तो पत्रकार थे या फिर प्रशासनिक अधिकारी। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मंच से देरी से आने की बात भी कही। उन्होंने कहा की जो लोग कार्यक्रम को छोड़कर कर जा रहे है वो यहां काफी देर से बैठे थे।
रोम-रोम में बसे हैं राम
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोग कहते हैं कि भाजपा नेताओं को चुनाव से पहले अयोध्या याद आता है. हमें 24 घण्टे राम याद आते है, हमारे तो रोम-रोम में राम बसे हैं। कार्यक्रम के दौरान शामिल होने आये लोगों ने देरी की वजह से जाना शुरू कर दिया। अधिकारियों ने लोगों को रोकने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला लगा दिया पर लोगों ने एक न सुनी।