अस्पताल में कोई डॉक्टर इलाज करने को तैयार नहीं था। इलाज के लिए बच्चे को कानपुर ले जाने को रह रहे थे। मीडिया की दखल के बाद डॉक्टरों ने उसे अस्पताल में भर्ती किया। थोड़ी ही देर बाद बेटे की मौत हो गई।- प्रेमचंद, मृतक का पिता
बच्चे के इलाज में कहीं कोई लापरवाही नहीं हुई है। प्राथमिक उपचार में जितना संभव था, इलाज किया गया। हालत गंभीर होने के चलते बच्चे को बचाया नहीं जा सका।- डॉ. यूसी चतुर्वेदी, सीएमएस जिला अस्पताल
कन्नौज में इलाज न मिलने से मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 27 जून को जनपद के ठठिया थाना क्षेत्र के भगतपुरवा गांव निवासी राज किशोर बाथम की 19 वर्षीय बेटी विनीता की शादी वाले दिन ही मौत हो गई थी। इलाज के लिए परिजन इधर-उधर दौड़ते रहे। आरोप है कि कोरोना के खौफ में डॉक्टरों के इलाज नहीं करने से पीड़िता की मौत हो गई। पिता की चौखट से डोली की जगह बेटी की अर्थी निकली।