302 का मुकदमा हो दर्ज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बहुत अफसोस है कि जो बच्चे टूर पर जा रहे थे, उनके साथ ऐसी दर्दनाक घटना हुई है और जिस समय बस खड़ी थी उसी समय रोडवेज की छात्रों के बस को टक्कर मार दी। यह एक्सप्रेस-वे है। कम से कम रोडवेज के ड्राइवर को यह जानकारी होनी चाहिए कि एक्सप्रेस-वे पर कैसे चलाएं, जो बूढ़ी बस है वह किसी तरह की बस नहीं है। एक्सप्रेस-वे पर सरकार को नई बसें चलानी चाहिए। जो बाल्वो बस हो, उसे चलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नई बस हो वो चले यह नहीं कि जो पुरानी बस है उसे इस सड़क पर डाल दी और बिना ट्रेनिंग के ड्राइवरों को छोड़ दिया कि जाओ जितनी रफ़्तार से बस चला सकते हो चलाओ। उन्होंने कहा कि अगर कोई जिम्मेदार है इन बच्चों की जान के लिए तो उत्तर प्रदेश की सरकार और रोडवेज की बस और उनके जितने भी कर्मचारी हैं वो जिम्मेदार हैं। इनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो और इनके ऊपर हत्या में 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
पचास लाख का मिले मुआवज़ा आगे मुआवजे बाली बात पर उन्होंने कहा कि यह समझते हैं कि उनके जान की कीमत मुआवजा है, उनके घर का सब कुछ चला गया। सोचो जिसके घर का बेटा चला गया हो उसके घर का सब कुछ चला गया। इनके परिजनों को कम से कम पचास लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। हमारी सरकार अगर होती तो मृतकों के परिजनों को पचास लाख का मुआवजा देती।
ध्यान हटाने के लिए हमारे घर की टोटी दिखा रहे प्रमुख सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए बोले कि यह प्रमुख सचिव जिस पर रिश्वत के आरोप है, उसने शिकायत करता पर दवाब बनाकर कहलवा दिया कि मेरा मानसिक संतुलन खऱाब था। यह तो वही बात हुयी कि एसओ अपना पोस्ट करा लो और जिस पर चाहो उस पर चरस लगा दो जिस पर चाहो उस पर कार्यवाही करा दो। क्या न्याय की उम्मीद करेगा कोई और सोचो प्रमुख सचिव यह प्रमुख सचिव की बात नहीं है। यह मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं। कि बताओ उनके यहां भ्रस्टाचार कैसे हो रहा है। और ध्यान हटाने के लिए हमारे घर की टोटी दिखा रहे हो।
हमारा बैडरूम दिखाते सपा मुखिया बोले कि हमे बता देना कौन सी टोटी है और मैं तो कहता हूँ मुख्यमंत्री आवास में चले जाना जहां अभी मुख्यमंत्री रहते हैं, खुद जब दाएं या बाएं देखेंगे जो जाली दिखाई दे रही है, वो समाजवादी लोगों की बनाई हुई है, उसके आगे चले जाना जो गोल टेबिल और लाइट लगी है वो भी हमारे पैसे का है। मंदिर वह बनाया है हमारे पैसे का है। हम तो कहते हमारा बैडरूम दिखाते बच्चों का बेडरूम क्यों नहीं दिखाया उन्होंने या और गेस्ट रूम हैं क्यों नहीं दिखाई। केवल एक खेल का जगह दिखाई वह हमारी थी। हम ले गए अपना क्योंकि तुम तो दोगे नहीं, वहां पर जहां हम रहने जा रहे हैं। तुमने तो पंद्रह दिन दिए थे कि पंद्रह दिन में सब सामान समेट ले जाओ अब अपना सामान ले जा रहे तो आपत्ति है। और टोंटी की बात है कल या परसों में प्रेस करूँगा।
पहले करो हमारा सामान वापस आगे उन्होंने कहा कि जो कंपनी की तुम्हारी टोंटी है। जो तुम्हारी बर्बादी है वो दे देना और जो तुम्हारा मुख्यमंत्री आवास में नहीं है वो दे देना। जो हॉल नेता जी ने बनाया था जो हॉल हमने सजाया था। बताओ उसका ऐसी खोल दिया तोड़ दिया। पूरी बिल्डिंग ध्वस्त कर दी कि नहीं कर दी। मुख्यमंत्री के सामने उनके आगे पूरी बिल्डिंग तोड़ दी गई, एसी हटा लिए गए। बताओ कौन जिम्मेदार है इसका अगर अपना सामान चाहते हो तो मुझसे कहो या प्रमुख सचिव कहें या जो भी सूचना देना चाहे हमें सूची दे देना हम पूरा सामान दे देंगे, लेकिन जो सामान हमारा लगा मुख्यमंत्री आवास में स्विच बोर्ड से लेकर सब हमारा वापस दे दो।