कन्नौज सीट सपा की मजबूत सीट मानी जाती है। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और डिंपल यादव यहां से सांसद रह चुकी हैं। अखिलेश ने साल 2000 में पहली बार कन्नौज से ही सांसद बने थे। 2019 में कन्नौज में डिंपल यादव भाजपा के सुब्रत पाठक से हार गई थीं। ऐसे में अखिलेश की निगाह फिर से इस सीट को वापस पाने पर है। बीते साल नवंबर में कन्नैौज में अखिलेश ने कहा था कि ठाली थोड़े बैठना है? जहां से पहला चुनाव लड़े थे, वहीं से चुनाव लड़ेंगे।
क्या चाचा शिवपाल को सौंपेगे नेता प्रतिपक्ष का पद?
अखिलेश यादव अगर लोकसभा चुनाव लड़ते हैं और सांसद बन जाते हैं तो उनको विधायकी छोड़नी होगी। ऐसे में सपा को नेता प्रतिपक्ष पर किसी और को चुनना होगा। अखिलेश 2022 में नेता प्रतिपक्ष बने थे। वो अगर दिल्ली का रास्ता लेते हैं तो फिर माना जा रहा है कि शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल सकती है। मुलायम सिंह जब सपा के सर्वेसर्वा थे तो उन्होंने शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया था। अखिलेश उनको ये पद देकर ये संदेश भी देने की कोशिश कर सकते हैं कि उन्होंने चाचा को पूरा मान सम्मान दिया है। हालांकि क्या होगा ये तो चुनाव होने और नतीजों के बाद ही पता चलेगा।