इस जत्थे में शामिल लोगों का कहना था कि हम सभी लोग दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी पर काम करते हैं 21 दिन के लॉक डाउन होने के बाद से काम ठप हो गया। जिससे रहने और खाने की बड़ी समस्या हो गई थी। जिसके चलते हम लोग साइकिल से अपने घर मानिक चौक थाना बंगाल जा रहे हैं। इनकी मानें तो यह सोमवार को दिल्ली से चले थे और बंगाल जाने में कितने दिन लग जाएंगे इनको खुद नहीं मालूम। रास्ते में चलते हुए थक जाने पर रास्ते में ही रुक कर कहीं आराम कर लेते हैं और बिस्कुट और पानी खाकर अपना काम चला रहे हैं।
बिस्कुट और पानी बना सहारा
दिल्ली से चलकर बंगाल जा रहे इन लोगों को कितनी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह इन लोगों की हालत देखकर ही पता चल जाएगा। इनकी मानें तो यह लोग सोमवार को दिल्ली से चले थे और अभी इनको कितना दिन बंगाल पहुंचने में लगेगा इनको खुद नहीं मालूम है। ऐसे में भूखे पेट इनके लिए साइकिल चलाना अपने आप में एक बड़ा ही मुश्किल काम है। इनकी मानें तो रास्ते में बिस्कुट खाकर और पानी पीकर अपना पेट भरते हैं और उसके बाद फिर साइकिल चलाते हैं। जहां कहीं थकावट महसूस होती है तो वहां पर यह लोग आराम फरमा लेते हैं।