सबने किए वादे, जीत के किए दावे सोमवार को शुभ
मुहूर्त पर भाजपा की कैंडीडेट प्रमिला पांडेय लाव-लश्कर के साथ चुनाव कार्यालय पहुंचीं। इनके साथ भाजपा के सभी बड़े नेता व मंत्री मौजूद थे। तय समय पर प्रमिला ने पर्चा भरा और बाहर आते ही विरोधियों पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि अन्य दलों में परिवारवाद, जातिवाद, धर्मवाद और पैसावाद चल रहा है, जबकि भाजपा के पास जनता का प्यार और जमीन से जुड़े नेताओं को तवज्जो दी जाती है। प्रमिला ने कहा कि मेयर का चुनाव जीतने के बाद बदहाल सड़कों को दुरूस्त कराया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ मिलकर अराजकत्वों को खत्मा करेंगे। वहीं समाजवादी पार्टी से मेयर पद की प्रत्याशी माया गुप्ता का कहना है कि जनता की जो समस्या है उसका निवारण करने के लिए जनता के बीच जाएंगी। पानी सीवर जलभराव जैसी बड़ी समस्या शहर की है इससे जनता को निजात दिलवाएंगे। कांग्रेस पार्टी से मेयर पद की उम्मीदवार वन्दना मिश्रा का कहना है कि शहर में फैली गंदगी खराब सड़के चुनाव में मुद्दा रहेगा लेकिन मुख्य मुद्दा महिला सुरक्षा को लेकर रहेगा।
भाजपा प्रत्याशी के लिए किए खास इंजजाम नवें दिन शाम तीन बजे तक करीब तीन हजार नामांकन फार्म बिक गए थे। इसमें से अकेले पार्षद पद के लिए करीब 2962 पर्च बिके। इनमें कुल 400 लोगों ने 110 वार्डो के लिए पार्षद पद के लिए पर्चा भरा। सोमवार को नगर निगम कार्यालय में जमकर मारामारी रही। आज भाजपा मेयर प्रत्याशी प्रमिला पांडेय नामांकन के लिए पहुंचीं तो चुनाव कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। मंत्री सतीश महाना, मंत्री सत्यदेव पचौरी सहित सभी भाजपा के बड़े नेता पर्चा दाखिल के समय मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने भाजपा प्रत्याशी को नामांकन में कोई दिक्कत न पड़े इसके लिए कमरे को जबरन खाली कराया गया। इस दौरान सपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने विरोध किया तो पुलिस ने डंडा पटकर उन्हें खदेड़ दिया।
भीतरघात से जूझ रही कांग्रेस जिस तरह से जमीनी नेताओं की जगह हाउस व्वाइफ को मेयर का टिकट दिया गया है, उससे कांग्रेस के अंदर जमकर घमासान चल रहा है। नगर अध्यक्ष हरिप्रकाश अग्निहोत्री अपने को नाराज नेताओं से बचाते दिखे। कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंक चुकी ममता तिवारी ने कहा कि जब मंत्री अपनी पकड़ का गलत उपयोग कर संगठन के बजाय राजनीति से दूर महिला को टिकट दिलवा रहे हैं, इससे पार्टी को भला होने की जगह नुकसान हो रहा है। ममता तिवारी ने खुलकर कहा कि टिकट देने में पार्टी ने पक्षपात किया है, जिसका खामियाजा इन्हें उठना पड़ेगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस वक्त कांग्रेस दो धड़ों में बंटी है। एक धड़े की आगवाई पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश कर रहे हैं तो दूसरे की अजय कपूर। इसी के चलते चुनाव में पंजे के लिए बाहर के साथ-साथ घर में भी दो-दो हाथ करना पड़ रहा है।
सपा के अंदर भी रार, एक गुट माया के खिलाफ सपा की उम्मीदवार माया गुप्ता के खिलाफ एक धड़ा अंदरखाने उन्हें चित करने के लिए जुट गया है। रविवार को टिकट वितरण के दौरान कई नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी के बड़े नेता पैसे लेकर टिकट दे रहे हैं। प्रमिला पांडेय को हराकर 2007 में पार्षद चुनी गई कीर्ति अग्निहोत्री ने कहा कि सपा ने जिन्हें कानपुर का चुनाव प्रभारी बनाया था उन्होंने स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर जमीन पर काम करने वालों के बजाय पैसेवालों को टिकट देने का काम किया है। कीर्ति ने खुलकर कहा था कि नेता जी और शिवपाल की सपा अब पार्टी नहीं रही, इसे चापलूस, घूसखोर राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिलेश यादव को गुमराह कर चला रहे हैं। सूत्रों की माने तो मेयर और पार्षद पद में टिकट वितरण को लेकर एक पूर्व व वर्तमान पार्टी से खफा बताए जा रहे हैं।
ये वोटर्स खामोश, इसी के चलते प्रमिला को टिकट कानपुर में सबसे ज्यादा करीब छह लाख ब्राम्हण मतदाता हैं, जो कई सालों से भाजपा के साथ खड़े रहे। वहीं लगभग तीन लाख मुस्लिम वोटर्स है, जो शांत है और इसी के चलते भाजपा ने क्षत्रिय, वैश्य की जगह ब्राम्हण चेहरे को मेयर पद के लिए चुना। 2012 के चुनाव में बसपा के सलीम अहमद मेयर के लिए चुनाव में उतरे थे और करीब पौने तीन लाख वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। इन्हीं सअ अंकगणित को साधते हुए भाजपा ने 34 के साथ 3 अन्य दावेदारों में से प्रमिला पांडेय को टिकट देकर चुनाव के मैदान पर उतारा है। प्रमिला को असलहावाली दीदी के नाम से लोग बुलाते हैं। प्रमिला को टिकट देने की पीछे भाजपा की एक सोची समझी रणनीति है। पहला वो पूर्वांचल से ताल्लुख रखती हैं, वहीं दूसरा वो कई सालों से जमीन पर रहकर संघर्ष किया है। कानपुर नगर में करीब दो लाख से ज्यादा पूर्वांचल के मतदाता हैं, जो प्रमिला के पक्ष में खड़े हो सकते हैं।