शहर क ेपनकी इलाके में स्थित शताब्दी नगर आवासीय परियोजना के पास ही मकसूदाबाद में १०० एकड़ एरिया में सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब इसकी फाइनल डिजाइन तैयार करने के लिए कंस्लेंट की नियुक्ति की जाएगी। केडीए इसका टेंडर निकालेगा। यह प्राकृतिक जंगल की तरह नजर आएगा जिसमें सड़कें कच्ची होंगी। कीचड़ न हो इसके लिए सिर्फ मौरंग डाली जाएगी।
इस जंगल को हरा-भरा रखने की जिम्मेदारी शहरवासियों पर ही होगी। यहां पौधे भी कानपुरवासी ही लगाएंगे ताकि लोगों से इसे सीधे तौर पर जोड़ा जा सके। यह शहर का सबसे बेहतर रमणीय स्थल होगा। योजना के मुताबिक यहां घने जंगल में जॉगिंग ट्रैक होगा ताकि लोगों को चारों तरफ वन के बीच सिर्फ अपनी सेहत का ख्याल रहे। बेहतर पर्यावरण में लोग सैर सपाटा कर सकें।
सिटी फारेस्ट की पूरी परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च करने का आकलन किया गया है। चंदन समेत कई ऐसे पौधे होंगे जो अक्सर जंगलों में ही देखने को मिलते हैं। हर पौधा 8 से 10 फीट का होगा। लगभग 90 हजार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। यहां जानवरों के पानी पीने के लिए वाटर होल्स बनाए जाएंगे। रैबिट और डक पार्क भी विकसित होगा।
केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने बताया कि यहां सिर्फ दस प्रतिशत ही पक्के निर्माण होंगे। प्रभागीय वन अधिकारी अरविंद कुमार द्वारा प्रस्तुत प्लान में सिटी फॉरेस्ट को एडवेंचर जैसा माहौल देने का प्रस्ताव था जिसे हरी झंडी दे दी गई है। इसमें जो भी निर्माण होंगे लकडिय़ों के ही होंगे। लोग यहां के घने जंगल के बीच चाय की चुस्कियां लेंगे। इसके लिए वुडेन हट्स कैंटीन बनाए जाएंगे। इनका निर्माण कंक्रीट से नहीं होगा।