यहां बनेगा चार्जिंग प्वाइंट
शहर में 100 इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलाई जाएंगी और उन्हें चार्ज करने के लिए अहिरवां के पास चार्जिंग प्वाइंट बनेगा। इसके लिए केडीए ने उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम (रोडवेज) को पांच एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है। बजट में धन का प्रावधान होने के बाद जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के तहत कंपनी बनाकर बसों का संचालन किया जाएगा। इसमें रोडवेज और निजी कंपनी दोनों शामिल होंगी।
शहर में 100 इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलाई जाएंगी और उन्हें चार्ज करने के लिए अहिरवां के पास चार्जिंग प्वाइंट बनेगा। इसके लिए केडीए ने उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम (रोडवेज) को पांच एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है। बजट में धन का प्रावधान होने के बाद जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के तहत कंपनी बनाकर बसों का संचालन किया जाएगा। इसमें रोडवेज और निजी कंपनी दोनों शामिल होंगी।
इन सुविधाओं से लैस होंगी बसें
शहर में चलने वाली ये इलेक्ट्रिक सिटी बसें पूरी तरह वातानुकूलित होंगी। यानि गर्मियों के मौसम में यात्रियों को बसों में पसीना नहीं बहाना पड़ेगा और एसी बसों की ठंडक में सफर राहत भरा होगा। सभी बसों में अगला स्टॉपेज आने से पहले ही उसकी घोषणा होगी, ताकि उस स्टाप पर उतरने वाले सीट छोडक़र गेट पर आ जाएं। जिससे ज्यादा देर तक बसों को स्टापेज पर रोकना नहीं पड़ेगा।
शहर में चलने वाली ये इलेक्ट्रिक सिटी बसें पूरी तरह वातानुकूलित होंगी। यानि गर्मियों के मौसम में यात्रियों को बसों में पसीना नहीं बहाना पड़ेगा और एसी बसों की ठंडक में सफर राहत भरा होगा। सभी बसों में अगला स्टॉपेज आने से पहले ही उसकी घोषणा होगी, ताकि उस स्टाप पर उतरने वाले सीट छोडक़र गेट पर आ जाएं। जिससे ज्यादा देर तक बसों को स्टापेज पर रोकना नहीं पड़ेगा।
पूरी तरह सुरक्षित सफर
इन सिटी बसों में किसी तरह की आवाज नहीं होगी और बसें सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी। इससे यात्रियों के साथ धोखाधड़ी, सामान चोरी या छेडख़ानी जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। बसों की निगरानी के लिए उन्हें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिए कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। जहंा से बसों की ताजा लोकेशन हर पल मिलती रहेगी। किसी आपात स्थिति में यह सुविधा काम आएगी।
इन सिटी बसों में किसी तरह की आवाज नहीं होगी और बसें सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी। इससे यात्रियों के साथ धोखाधड़ी, सामान चोरी या छेडख़ानी जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। बसों की निगरानी के लिए उन्हें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिए कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। जहंा से बसों की ताजा लोकेशन हर पल मिलती रहेगी। किसी आपात स्थिति में यह सुविधा काम आएगी।
इस तरह होगा संचालन
अहिरवंा में बनने वाले बसों के चार्जिंग प्वाइंट पर 25 बसों को एक साथ चार्ज करने की व्यवस्था होगी। एक बार फुल चार्ज होने पर बस 150 किमी की यात्रा करेगी, जबकि बस को फुल चार्ज होने में २५० यूनिट बिजली का खर्च होगा। इन बसों में ३१ यात्रियों के बैठने की जगह होगी और २० यात्री खड़े रह सकेंगे। यानि कुल मिलाकर बस में ५१ यात्री आराम से सफर कर सकेंगे।
अहिरवंा में बनने वाले बसों के चार्जिंग प्वाइंट पर 25 बसों को एक साथ चार्ज करने की व्यवस्था होगी। एक बार फुल चार्ज होने पर बस 150 किमी की यात्रा करेगी, जबकि बस को फुल चार्ज होने में २५० यूनिट बिजली का खर्च होगा। इन बसों में ३१ यात्रियों के बैठने की जगह होगी और २० यात्री खड़े रह सकेंगे। यानि कुल मिलाकर बस में ५१ यात्री आराम से सफर कर सकेंगे।