स्वास्थ विभाग द्वारा कुरसौली के अलावा महदेवा, सचौली ऐमा, त्रिलोकपुर, संचितपुर, बीबीपुर, कंठीपुर और अब्दुल निवादा गांव में लोगों को दवाइयां वितरित कर रहे हैं। छिड़काव किया जा रहा है। हेल्थ कैंप लगाये गये हैं, लेकिन डेंगू और बुखार का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर दिनों डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुरसौली के ग्रामीण इतने खौफजदा हैं कि हैलट और उर्सला जैसे सरकारी अस्पताल में इलाज कराने से डर रहे हैं और वह बुखार से पीड़ितों का इलाज निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में करा रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में उन्हें दौड़ाया जा रहा है।
गांव से पलायन कर रहे लोग
विचित्र बुखार की चपेट में आने गांव के करीब एक दर्जन लोगों की मौत के बाद कुसरौली गांव के लोग दहशत में हैं। कई ग्रामीणों ने गांव छोड़ दिया है। वह रिश्तेदारों व मित्रों के यहां रहने रहने चले गये हैं। कुछ शहर में किराये का मकान लेकर रहने लगे हैं।
विचित्र बुखार की चपेट में आने गांव के करीब एक दर्जन लोगों की मौत के बाद कुसरौली गांव के लोग दहशत में हैं। कई ग्रामीणों ने गांव छोड़ दिया है। वह रिश्तेदारों व मित्रों के यहां रहने रहने चले गये हैं। कुछ शहर में किराये का मकान लेकर रहने लगे हैं।
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क्या है विचित्र बुखार?
कई मरीजों में तेज बुखार आता है। लक्षण डेंगू और वायरल फीवर से मिलते हैं, लेकिन उनमें इन दोनों बीमारियों की पुष्टि नहीं होती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे विचित्र बुखार कह रहे हैं।
जिले में डेंगू के कुल 130 मरीज
सीएमओ कार्यालय कानपुर से रविवार को जारी रिपोर्ट में छह और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जिसके बाद जिले में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 103 और शहरी क्षेत्र में 27 लोग ग्रसित हैं।
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