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बोगस कंपनियां बनाकर किया गया 18 करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया

locationकानपुरPublished: Dec 14, 2018 12:37:17 pm

कानपुर में बोगस फर्मों का जाल कोने कोने में फैल चुका है. स्‍टेट जीएसटी की टीम ने ऐसी छह फर्मों का भंड़ाफोड़ किया है, जो अस्‍तित्‍व में ही नहीं थीं, लेकिन 18 करोड़ रुपए का कारोबार कागजों पर कर डाला.

Kanpur

बोगस कंपनियां बनाकर किया गया 18 करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया

कानपुर। कानपुर में बोगस फर्मों का जाल कोने कोने में फैल चुका है. स्‍टेट जीएसटी की टीम ने ऐसी छह फर्मों का भंड़ाफोड़ किया है, जो अस्‍तित्‍व में ही नहीं थीं, लेकिन 18 करोड़ रुपए का कारोबार कागजों पर कर डाला.
फर्जी बिलों का गढ़ बना कानपुर
फर्जी फर्मों की आड़ में बिल पर्चों के कारोबार का कानपुर गढ़ बन गया है. एक तरफ सेंट्रल जीएसटी की खुफिया टीम ने ऐसी फर्मों का भंड़ाफोड़ किया है तो दूसरी स्‍टेट जीएसटी की खुफिया विंग भी सक्रिय हो गई है. ऐसी ही खुफिया सूचनाओं की जांच के निर्देश एडिशनल कमिश्‍नर ग्रेड 2 दिनेश कुमार मिश्र और ज्‍वाइंट कमिश्‍नर एसके सिंह ने दिए थे. उपायुक्‍त चंद्रशेखर, बामदेव त्रिपाठी सहायक आयुक्‍त वीरेंद्र कुमार मिश्र की टीम ने मंगलवार को छह व्‍यापार स्‍थलों की जांच की.
इनवर्ड की थी सप्‍लाई
कल्‍याणपुर स्‍थित मून स्‍टील ट्रेडर्स ने अप्रैल से नवंबर तक 3.27 करोड़ की आउटवर्ड और 2.43 करोड़ की इनवर्ड सप्‍लाई की. इसी तरह कल्‍याणपुर की स्‍काई स्‍टील इंडस्‍ट्रीज ने करीब 2.75 करोड़ रुपए का कारोबार किया. श्‍याम ट्रेडिंग कंपनी सनिगवां रोड में 7.50 करोड़ रुपए का फर्जी करोबार किया. अवध इंटरप्राइजेज की इनवर्ड सप्‍लाई शून्‍य थी, लेकिन आउटवर्ड में 23.71 लाख रुपए घोषित किए थे. इन सभी फर्मों ने भारी मात्रा में इनपुट टैक्‍स क्रेडिट का गलत दावा पेश कर करोड़ों की चपत सरकार को लगाई.
फर्जी रेंट एग्रीमेंट के जरिए
ये फर्में मुख्‍य रूप से ईवे बिल के जरिए पैकिंग मैटेरियल, सुपाड़ी और आयरन स्‍क्रैप की खरीद और बिक्री में लिप्‍त थीं. इनकी जांच में पाया गया कि फर्मों द्वारा फर्जी मकान मालिक, फर्जी रेंट एग्रीमेंट, फर्जी बिजली का बिल जीएसटीएन में अपलोड किया गया यानी टैक्‍स चोरी के लिए फर्म खोलने का मकसद साफ था. इन फर्मों का कोई अस्‍तित्‍व ही नहीं था. बोगस फर्मों के जरिए फर्जी आईटीसी लेने के कारण संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है.
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