प्रतिबंधित वाहनों पर रोक नहीं
१५ साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है, फिर भी ये दौड़ रहे हैं। इनका दोबारा रजिस्टे्रशन नहीं हो सकता तो ये बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने भी पुराने वाहनों पर रोग लगाने के आदेश दिए थे पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा सका। इस बारे में आरटीओ दफ्तर को भी पूरी जानकारी है, पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
१५ साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है, फिर भी ये दौड़ रहे हैं। इनका दोबारा रजिस्टे्रशन नहीं हो सकता तो ये बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने भी पुराने वाहनों पर रोग लगाने के आदेश दिए थे पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा सका। इस बारे में आरटीओ दफ्तर को भी पूरी जानकारी है, पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
प्रदूषण मानक पूरे नहीं
हर वाहन के प्रदूषण की जांच होती है, अगर वह मानक से ज्यादा धुआं फेंकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पर बिना रजिस्ट्रेशन वाले तो लगभग सारे वाहन ही मानक से अधिक धुआं फेंकते हैं फिर भी उन पर रोक नहीं है। इतना ही नहीं बिना प्रदूषण की जांच किए ही समयसीमा में शामिल कई वाहनों को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
हर वाहन के प्रदूषण की जांच होती है, अगर वह मानक से ज्यादा धुआं फेंकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पर बिना रजिस्ट्रेशन वाले तो लगभग सारे वाहन ही मानक से अधिक धुआं फेंकते हैं फिर भी उन पर रोक नहीं है। इतना ही नहीं बिना प्रदूषण की जांच किए ही समयसीमा में शामिल कई वाहनों को भी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।
सबसे ज्यादा बाइक और कार
अवैध रूप से चलने वाले वाहनों में सबसे ज्यादा मोटरसाइकिलें और कार हैं। शहर में सड़क पर इस समय एक लाख ८० हजार दो सौ दो मोटरसाइकिल और स्कूटर, १३ हजार ९७२ मोपेड, ३३ हजार ९९४ मोटरकार दौड़ रहे हैं। जबकि इसके अलावा ३४३६ लोडर, २१६ मिनी लोडर, ६९ टेम्पो, ३८ एंबुलेंस, ०८ फायर ब्रिगेड और १४ ओमनी बस अवैध रूप से चल रही हैं।
अवैध रूप से चलने वाले वाहनों में सबसे ज्यादा मोटरसाइकिलें और कार हैं। शहर में सड़क पर इस समय एक लाख ८० हजार दो सौ दो मोटरसाइकिल और स्कूटर, १३ हजार ९७२ मोपेड, ३३ हजार ९९४ मोटरकार दौड़ रहे हैं। जबकि इसके अलावा ३४३६ लोडर, २१६ मिनी लोडर, ६९ टेम्पो, ३८ एंबुलेंस, ०८ फायर ब्रिगेड और १४ ओमनी बस अवैध रूप से चल रही हैं।