कानपुरPublished: Jun 09, 2018 10:37:49 pm
Vinod Nigam
चलती ट्रेनों में डालता था डकैती, जीआरपी के हत्थे लगा शातिर अपराधी
केतली छोड़ उठा ली बंदूक, ट्रेन लुटेरा बना अकबर अली
कानपुर। उसके माता-पिता पढ़ा लिखाकर अधिकारी बनाना चाहते थे, पर वो बचपन से ही रईस बनने के सपने देखने लगा। कॉपी-दवात रख अकबर अली कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंच गया और ट्रेनों में मुसाफिरों को चाय व समोसा खिलाने लगा। महज पंद्रह साल की उम्र में उसने चाय की केतली छोड़ बंदूक उठा ली और आयाराम-गयाराम की दुनिया में कदम रख लिया। ट्रेनों में लूटपाट करने वाले सागर गैंग से जुड़ गए और फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा। खुद का गैंग खड़ा कर चलती ट्रेनों में डकैती डालता और आराम से फरार हो जाता। कुछ दिन पहले अकबर अली ने आम्रपाली स्वतन्त्रता सेनानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों में यात्रियों के साथ लूट की घटनाओं को अंजाम देकर जीआरपी व आरपीएफ का सिरदर्द बढ़ा दिया। मुखबिर की सटीक सूचना पर आरोपी को सीपीसी कॉलोनी के आउटर के पास जीआरपी ने घेर लिए। दो साथी मौके से भागने में कामयाब हो गए, वहीं अकबर व उसका एक क्रिमिनल राहुल सोनी जीआरपी के हत्थे लग गया। पकडे गए लुटेरों के पास से हजारों रुपये नगद और लगभग साढ़े चार लाख के जेवर बरामद हुए हैं।
यात्रियों को पिलाता था चाय
झकरकटी बस्ती निवासी अकबर अली सेंट्रल स्टेशन में चाय और समोसे बेचा करता था। लेकिन उसकी मुलाकात ट्रेन लुटेरे गैंग के सरगना सागर से हो गई। उसने केतली छोड़ बंदूक उठा ली और चलती ट्रेनों में मुसाफिरों को बंदूक की नोक पर अपना शिकार बना कर फरार हो जाता। सागर के पकड़े जाने के बाद अकबर ने गैंग की कमान संभाल ली और इस दौरान कई दर्जन ट्रेनों में डकैती डाली। मुसाफिरों ने विरोध किया तो उनकी बेहरमी से पिटाई की। अकबर व उसके गैंग के सदस्यों को पकड़ने के लिए जीआरपी और रेलवे पुलिस ने जाल बिछाया। बस्ती में मुखबिरों को लगा उसकी लोकेशन पर नजर रखनी शुरू कर दी। शनिवार को ट्रेन में लूट के इरादे से सीपीसी कॉलोनी के आउटर पर अकबर अपने तीन अन्य साथियों के साथ खड़ा था। इसी दौरान जीआरपी ने उसे घेर लिया। दो साथी फरार होने के कामयाब हो गए, लेकिन सरगना व एक अन्य हत्थे लग गया।
कुछ इस तरह से देते थे वारदात को अंजाम
जीआरपी इंस्पेक्टर राम मोहन राय ने बताया कि अकबर व उसके साथ सेंट्रल स्टेशन में आम यात्रियों की तरह आते और एसी व अन्य बोगियों में बैठ जाते। ट्रेन जैसे ही आगे बड़ती तो आरोपी बंदूक के बल पर यात्रियों को कब्जे में ले लेते और फिर लूट की घटना को अंजाम देकर चलती ट्रेन से कूद कर फरार हो जाते। इंस्पेक्टर ने बताया कि अकबर पिछले दस सालों से ट्रेनों में लूटपाट करता आ रहा था। लेकिन पिछले माह अम्रपाली ट्रेन में डकैती की वारदात के बाद यह जीआरपी के रडार पर आया और पकड़ा गया। अब जीआरपी लोकल पुलिस की मदद से इसके अन्य साथियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है। इंस्पेक्टर राय के मुताबिक अधिकतर आरोपी सीपीसी कॉलोनी में रहते हैं, जिन्हें जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा।
साढ़े चार लाख की सोने के जेवर बरामद
लुटेरों के पास से नशीला दवा और हजारों रुपयां की नगदी के साथ ही लगभग साढ़े चार लाख के सोने के जेवर बरामद हुए। अकबर अली ने कुछ दिन पहले जीआरपी के जवानों ने उसे घेर लिया, लेकिन आरोपी ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। कॉलीनी के लोगों की मदद से वह भागने में कामयाब रहा। जीआरपी आरोपी को पकड़ने के लिए ऑपरेशन अकबर चलाए हुए थी। जीआरपी और आरपीएफ के जवान सादी वर्दी में सीपीसी कॉलोनी में तैनात रहे और जैसे ही अकबर अली की लोकेशन पता चली, वैसे अन्य जवानों को सूचना देकर मौके पर बुला लिया। आरोपी की घेरेबंदी कर बच निकलने के सारे रास्ते बंद कर दिए। पकड़े जाने के बाद अकबर ने कई वारदातों का खुलासा किया है। साथ ही लूट का माल किसे बेचता था उनके बारे में भी जीआरपी लोकल पुलिस की मदद से छानबीन कर रही है।