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कानपुर के बहुरे दिन, बनेगा डिफेंस कॉरीडोर

locationकानपुरPublished: May 15, 2018 03:27:07 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

3 अमेरिका की कंपनियों ने दी रजामंदी, दो हजार करोड़ रूपए में छह जिलों में बनेगा डिफेंस कॉरीडोर

3 अमेरिका की कंपनियों ने दी रजामंदी, दो हजार करोड़ रूपए में छह जिलों में बनेगा डिफेंस कॉरीडोर
कानपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इन्वेस्टर सम्मिट 2018 में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने डिफेन्स कारीडोर की घोषणा की थी, जिसकी बुनियाद की नींव अमेरिका की तीन अमेरिका की बड़ी कंपनियां करेंगे। यह कॉरीडोर कानपुर , आगरा ,अलीगढ ,चित्रकूट,झाँसी और लखनऊ जिलों में स्थापित किए जाने थे, जिसके लिए जिला प्रशासन जमीन तैयार करने के लिए जुटी है। औधोगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि डिफेन्स कारीडोर में अमेरिका की तीन रक्षा उत्पाद कम्पनी मेसर्स बोईंग ,लाकहीड मार्टिन और हनीवेल कंपनियों ने यूपी में निवेश की इच्छा जताई है। जल्द कंपनियों के सीईओ इन शहरों में आएंगे और जमीनी हकीकत परखेंगे। मंत्री ने बताया कि तीन कंपनियों ने कानपुर में इंड्रस्ट्री स्थापित करने की रजामंदी दी है। इससे शहर के साथ ही आसपास जिलों के युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह कॉरीछोर छह जिलों से होकर गुजरेगा, जिसकी लागत 2 हजार करोड़ रूपए है।
कई बैठकों के बाद निर्णय
इन्डियन इंडस्ट्रीज एसोसियेशन (आईआईए) भवन में औधोगिक विकास मंत्री सतीश महाना ,आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ,तीनों सेनाओ के वरिष्ट अधिकारी व रक्षा मंत्रालय के निदेशक रविन्द्र कुलश्रेष्ट समेत तमाम उधमी मौजूद थे। इस बैठक में डिफेन्स कारीडोर को लेकर विस्तार से चर्चा की गई ,इसके लिए भूमि तलाशने का काम जिला प्रशासन को सौपा गया है। रक्षा सम्बन्धी जानकारी रखने वाले लोगों ने उधमियो को महत्वपूर्ण बातें शेयर कीं। औधोगिक विकास मंत्री सतीश महाना के मुताबिक कानपुर रक्षा उत्पादों के मामले में सबसे बड़ा हब है, जिसे देखते हुये अभी तक डिफेन्स कारीडोर को लेकर चार बार बैठक की जा चुकी हैं। जिसमे उधमियो को सीधे जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है, जो इससे पहले किसी सरकार के द्वारा नहीं किया गया है।
लेदर और टैक्सटाइल को भी जोड़ा जाएगा
बैठक के दौरान सभी ने एक-दूसरे सवाल जवाब किए। इस मौके पर मंत्री महाना से जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि जल्द ही शहर में कॉरीडोर के लिए जमीन चिन्हित करें। मंत्री ने बताया कि अभी तक देश में डिफेन्स से सम्बंधित अधिकतर उपकरण दूसरे देशों से आयात किए जाते थे। जिसे देखते हुये हमारी सरकार ने मेक इन इंडिया के तहेत पूरा डिफेन्स कारीडोर हब की स्थापना करने का निर्णय लिया है। बताया की अज की बैठक में तीनों सेनाआें के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जहां उन्होंने भी उधमियों से समन्वय स्थापित किया। मंत्री ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर में आने वाले 2 से 3 सालों में एमएसएमई के द्वारा रक्षा उत्पादों को बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए पॉलिसी का निर्माण किया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में छोटे उद्योगों को भी डिफेंस कॉरिडोर में प्रमुख स्थान दिया जाएगा। वहीं लेदर और टैक्सटाइल उद्योगों को भी डिफेंस कॉरिडोर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सप्लाई करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
2 हजार करोड़ में तैयार होगा कॉरीडोर
इन्डियन इनड्रास्टिज एसोसियेशन (आईआईए) भवन कानपुर के अध्यक्ष सुनील वैश्य ने सरकार के द्वारा उठाये जा रहे कदम की प्रसंशा की। उन्होंने बताया की सरकार इतिहास में पहली बार उधमियों के पास सीधे चल कर आई है जो एक अच्छा कदम है। मंत्री महाना ने बताया कि यूपी के 6 जिलों से होकर गुजरने वाले डिफेंस कॉरिडोर में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. इसमें 3,000 हेक्टेअर भूमि का उपयोग होगा और 90 परसेंट तक सब्सिडी दी जाएगी.। वहीं आईआईडीसी के आयुक्त डा. अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में यूएसए की 3 बड़ी रक्षा कंपनियां बोईग, लॉकहीड मार्टिन और हनीवेल भी कॉरिडोर में इन्वेस्ट कर सकती है। इसके लिए कई राउंड मीटिंग हो चुकी है। बड़ी कंपनी के इन्वेस्टमेंट से छोटे-छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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