scriptVikas Dubey: विकास दुबे से 27 प्रशासनिक अफसरों के थे अच्छे संबंध, करते थे गैंगस्टर की मदद, रिपोर्ट में आई सच्चाई | 27 administrative officer related to vikas dubey, truth come in report | Patrika News

Vikas Dubey: विकास दुबे से 27 प्रशासनिक अफसरों के थे अच्छे संबंध, करते थे गैंगस्टर की मदद, रिपोर्ट में आई सच्चाई

locationकानपुरPublished: Sep 04, 2021 06:32:22 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

-न्यायिक आयोग ने एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर 27 प्रशासनिक अफसरों को दोषी माना-विकास दुबे से इन अफसरों के बताए गए अच्छे संबंध

UP Police not improved after death of 8 policemen in Bikrukand game with Vikas Dubey’s car

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी के बहुचर्चित बिकरू कांड (Bikru Kand) में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) से पुलिस की सांठगांठ सामने आई। जो विकास दुबे के मददगार के रूप में पाए गए थे। वहीं एसआईटी (SIT Report) की रिपोर्ट में प्रशासनिक अफसर भी अलग नहीं थे। इनके भी विकास दुबे से जुड़ाव होना बताया गया है। न्यायिक आयोग ने एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर 27 प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी माना है।
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक राम शिरोमणि एसडीएम मैथा, अनिल कुमार दमेले, सुखलाल भारती, दयानंद सरस्वती, प्रहलाद सिंह, एके अवस्थी आदि एसडीएम, राम अभिलाष एसीएम, आलोक पांडेय बीडीओ, सुरेश नारायण पांडेय, इंद्रपाल उत्तम, राकेश कुमार, फूलचंद्र आर्या, भानु प्रताप शुक्ला, दुर्गा शंकर गुप्ता आदि तहसीलदार, अतुल हास नायब तहसीलदार, रामलखन कमल रेवेन्यू इंस्पेक्टर, प्रदीप कुमार मिश्रा व प्रशाांत कुमार सिंह सप्लाई इंस्पेक्टर, अमित कटियार वीडीओ, रिषभ दुबे, अनिल कुमार, रामेश्वर, सुशील कुमार, बालादीन, रामकिशोर, रवि प्रकाश, कमलेश कुमार आदि लेखपालो को दोषी माना गया है।
इन पर आरोप है कि इन प्रशासनिक अधिकारियों के विकास दुबे से अच्छे लिंक थे। शस्त्र लाइसेंस के अतिरिक्त अन्य मामलों में भी ये अफसर विकास दुबे की प्रशासनिक तौर पर मदद करते थे। वहीं एसआइटी जांच में सामने आया था कि 7 सितंबर 2019 से सात मई 2020 तक तत्कालीन एसडीएम मैथा द्वारा अपने सरकारी व निजी मोबाइल नंबरों से बिकरू कांड के आरोपित अरविंद त्रिवेदी उर्फ गुड्डन से 14 बार बात की गई। वहीं एसडीएम की तरफ से दो बार बात की गई। इसके अतिरिक्त आलोक पांडेय, रामलखन कमल, अमित कटियार, प्रदीप मिश्रा, प्रशाांत कुमार सीधे विकास दुबे और उनके गुर्गों के संपर्क में थे।
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