कानपुर

सरकार ने शुरू किया प्राइमरी शिक्षकों को बर्खास्त करना, जानिए किस-किस जनपद में टीचर्स ने गंवाई नौकरी

आगरा विवि के नाम से दाखिल बीएड की मार्कशीट और डिग्री के फर्जी मिलने के बाद प्रदेश में सघन जांच शुरू

कानपुरOct 02, 2019 / 01:40 pm

आलोक पाण्डेय

सरकार ने शुरू किया प्राइमरी शिक्षकों को बर्खास्त करना, जानिए किस-किस जनपद में टीचर्स ने गंवाई नौकरी

कानपुर। जिसकी आशंका थी वहीं हुआ। पिछले कई महीनों से चल रही जांच में फर्जी दस्तावेज लगाने वाले प्राइमरी शिक्षकों की बर्खास्तगी शुरू हो गई। इन शिक्षकों ने आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम से फर्जी डिग्री बनवाकर नौकरी पायी थी। एसआईटी की जांच में इसका खुलासा होने पर अब इन शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। अभी तक ५० शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके है, जबकि अन्य को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है, जिसके बाद उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
अब तक १०१ शिक्षक बर्खास्त
सरकार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर प्राइमरी स्कूलों में नौकरी पाने वाले शिक्षकों को नौकरी से निकालना तेज कर दिया है। अब तक १०१ शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। औरैया के ५१ शिक्षकों के बाद अब कन्नौज के ३० और फर्रुखाबाद के २० शिक्षकों की नौकरी जा चुकी है। इन लोगों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष २००४-०५ की बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाई थी।
एफआईआर और रिकवरी भी होगी
कन्नौज बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने बताया है कि फर्जी कागजात लगाने वालों की सेवा समाप्त कर दी गई है। अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और दिए गए वेतन की वसूली भी होगी। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में खुलासा होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। कन्नौज में २० शिक्षक और १० शिक्षिकाओं को नौकरी से बाहर किया गया। यह जांच २०१६ में शुरू हुई थी।
३१ और शिक्षकों को नोटिस जारी
फर्रुखाबाद के बीएसए रामसिंह ने बताया कि २० शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, जबकि ३१ अन्य को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़े के आरोपी शिक्षक अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके लिए उन्हें दस दिन का समय दिया गया है। ये सभी वर्ष २०१० के बाद नियुक्त किए गए थे।
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