हर क्षेत्र में इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से साइबर अटैक का खतरा बना रहता है। साइबर हमला एक अपराध है जो कम्प्यूटर के जरिए किया जाता है। साइबर हमला एक प्रकार की चोरी है, जिसमें कम्प्यूटर डाटा, निजी जानकारी, नेटवर्क समूहों की जानकारी आदि की चोरी शामिल है। सामान्यत साइबर हमला संस्थाओं या व्यक्तिओं द्वारा महत्वपूर्ण डाटा की चोरी करने के लिये किया जाता है, लेकिन साइबर हमले को साइबर आतंकवाद का हिस्सा भी कहा जा सकता है।
साइबर अटैक से व्यक्ति की पहचान की चोरी या उससे धोखाधड़ी की जाती है। इसके अलावा मैलवेयर, स्पैमिंग, वायरस का भी हमला हो सकता है। इससे आपका कंप्यूटर हैकर के कंट्रोल में हो जाता है और वह इसके लिए कंप्यूटर आधारित इंडस्ट्री को भी अपने नियंत्रण में ले सकता है। साइबर हमले से गोपनीय जानकारी जैसे पासवर्ड की चोरी भी होती है। इसके अलावा यह किसी भी प्रणाली घुसपैठ कर उसे बिगाड़ सकता है। जिससे ऐसी कई बड़ी संस्थाओं या कंपनियों का नुकसान भी किया जा सकता है, जहां पूरा कंट्रोल सिस्टम कंप्यूटर पर हो।
टेलीकॉम मंत्रालय कई वर्षों से मोबाइल क्षेत्र में ५जी का लाने की तैयारी कर रहा है। ५जी को साइबर हमलों से सुरक्षित रखने के लिए आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई थी। लंबी बैठक में हुई चर्चा के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी। जिसमें ५जी को साइबर हमले से सुरक्षित बताया गया था। मंत्रालय ने इसी रिपोर्ट के आधार पर ५जी के ट्रायल की अनुमति दे दी है।