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कविता सुनाते-सुनाते छात्र की कक्षा में मौत

locationकानपुरPublished: Nov 28, 2018 06:20:59 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

मां ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया गैरइरादतन हत्या का आरोप, एफआईआर दर्ज।
 

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कविता सुनाते-सुनाते छात्र की कक्षा में मौत

कानपुर. यहां पर पांचवीं के एक छात्र की कविता सुनाते-सुनाते मौत हो गई। छात्र रेसिटिशन परीक्षा में कविता सुनाने के लिए उठा वह अभी आधा की कविता सुना पाया था कि इसी दौरान अचानक उसकी मौत हो गई। इस घटना से स्कूल में अफरातफरी मच गई। सूचना पर पहुंचे परिजन उसे तत्काल अस्पताल ले गए। वहां डाक्टरों ने उसे हैलट अस्पताल भेज दिया, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। छात्र की मां की तहरीर पर पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
केशवनगर निवासी अमित गुप्ता का 10 वर्षीय पुत्र अंशुमित गुप्ता मदर टेरेसा हायर सेकेंड्री स्कूल में कक्षा पांचवीं का छात्र था। मंगलवार को मौखिक परीक्षा हो रही थी। उसे अध्यापिका ने पोयम सुनाने के लिए कहा, वह उठ कर पोयम सुनाने लगा अभी वह आधा ही कविता सुनाया था कि तभी उसे चक्कर आ गया और गिर पड़ा। शिक्षिका ने उसे उठाने की कोशिश की। स्कूल कार्यालय को सूचना देकर उसे बेंच पर लिटाया गया। थोड़ी देर बाद फोन करके उसे घर वालों को सूचना दी गई। बदहवास हालत में मां अनुसुइया रिश्तेदार के साथ स्कूल पहुंचीं। आनन-फानन में पड़ोस के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। सर्वोदय नगर स्थित अस्पताल ले गए, जहां जवाब दे दिया गया। हैलट लाए तो डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। अनुसुइया ने स्वरूप नगर में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी। नौबस्ता थाने से जुड़ा मामला होने पर तहरीर नौबस्ता भेज दी गई। इंस्पेक्टर के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज की है।
प्रबंधन पर उत्पीडऩ के आरोप
छात्र की मां ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि बेटा प्रबंधन द्वारा मानसिक दबाव में था। उन्होंने प्रबंधन से व्यवहार में नरमी लाने की गुजारिश की थी। प्रताडऩा से बच्चे की मौत हुई है।
परिजनों का आरोप है कि उन्हें देर से सूचना दी गई। बच्चे को अस्पताल नहीं पहुंचाकर घरवालों का इंतजार किया गया। अगर समय से अस्पताल पहुंचाया जाता तो जान बच सकती थी। स्कूल प्रबंधन ने वाहन तक नहीं उपलब्ध कराया।
पहले से ही थी बीमारी
स्कूल के मैनेजर इमैनुअल सिंह का कहना है कि अंशुमित की तबीयत खराब होने पर फौरन स्कूल से घर सूचना दी गई। 500 मीटर दूरी पर बच्चे का घर था। घरवाले पांच मिनट में आ गए। कोई देरी नहीं हुई। परिजन पड़ोस के एक अस्पताल ले गए थे। बच्चा पहले से बीमार था बच्चा फेफड़े और गुर्दे की बीमारी से पीडि़त था।
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