दूसरे का बंडल, दूसरी कापियां
मूल्यांकन के दौरान सबसे बड़ी गड़बड़ी यह सामने आ रही है कि कॉमर्स के बंडल के बीच हिन्दी और संस्कृत की कॉपियां निकल रही हैं तो जुलोजी के बंडल में समाजशास्त्र की कॉपियां। वहीं कई शिक्षक बंडल में गड़बड़ी से आ रही इन कॉपियों की जानकारी सुपरवाइजर को देने के बजाए उसका मूल्यांकन भी कर दे रहे हैं। हैरानी वाली बात ये है कि गड़बड़ी की सभी को जानकारी है लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं किया।
मूल्यांकन के दौरान सबसे बड़ी गड़बड़ी यह सामने आ रही है कि कॉमर्स के बंडल के बीच हिन्दी और संस्कृत की कॉपियां निकल रही हैं तो जुलोजी के बंडल में समाजशास्त्र की कॉपियां। वहीं कई शिक्षक बंडल में गड़बड़ी से आ रही इन कॉपियों की जानकारी सुपरवाइजर को देने के बजाए उसका मूल्यांकन भी कर दे रहे हैं। हैरानी वाली बात ये है कि गड़बड़ी की सभी को जानकारी है लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं किया।
विषय अलग, शिक्षक अलग
महाविद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि उन्हें मूल्यांकन के लिए 25-25 उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल मिलते हैं। लगभग सभी बंडलों में गड़बडिय़ां मिली हैं। कॉमर्स के एक शिक्षक ने बताया कि मूल्यांकन के लिए तीन दिन विवि गए थे। तीनों दिन हर एक बंडल में पांच से छह कॉपियां दूसरे विषय की निकलीं। वहीं, जुलोजी की एक शिक्षिका ने बताया कि हर बंडल में पांच से छह कॉपियां समाजशास्त्र विषय की निकली। यह हाल हर एक विषय का रहा। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर किसी दूसरे विषय के शिक्षक ने एक, दो या पांच कॉपियों का भी मूल्यांकन किया होगा तो छात्र के साथ कितना न्याय संभव है।
महाविद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि उन्हें मूल्यांकन के लिए 25-25 उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल मिलते हैं। लगभग सभी बंडलों में गड़बडिय़ां मिली हैं। कॉमर्स के एक शिक्षक ने बताया कि मूल्यांकन के लिए तीन दिन विवि गए थे। तीनों दिन हर एक बंडल में पांच से छह कॉपियां दूसरे विषय की निकलीं। वहीं, जुलोजी की एक शिक्षिका ने बताया कि हर बंडल में पांच से छह कॉपियां समाजशास्त्र विषय की निकली। यह हाल हर एक विषय का रहा। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर किसी दूसरे विषय के शिक्षक ने एक, दो या पांच कॉपियों का भी मूल्यांकन किया होगा तो छात्र के साथ कितना न्याय संभव है।
कई रोल नंबर की कापियंा ही गायब
मूल्यांकन के दौरान हो रही इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ, जब कई विषयों के एक से अधिक अनुक्रमांक की कॉपियां गायब मिलने लगी। पता लगाया गया तो उन अनुक्रमांक की कॉपियां दूसरे विषयों के बंडल में मिली। कूटा (कानपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ) के अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय ने कहा कि कुछ शिक्षकों से जानकारी मिली है कि एक विषय के बंडल में दूसरे विषयों की कॉपियां मिल रही हैं।
मूल्यांकन के दौरान हो रही इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ, जब कई विषयों के एक से अधिक अनुक्रमांक की कॉपियां गायब मिलने लगी। पता लगाया गया तो उन अनुक्रमांक की कॉपियां दूसरे विषयों के बंडल में मिली। कूटा (कानपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ) के अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय ने कहा कि कुछ शिक्षकों से जानकारी मिली है कि एक विषय के बंडल में दूसरे विषयों की कॉपियां मिल रही हैं।