एक्सरे देख हैरान रह गए डॉक्टर
बिल्हौर के बिरहाना, ककवन रोड के रहने वाले ड्राइवर दीपू प्रजापति का पुत्र निखिल कुमार का मामला अजूबा है। यह उसके घरवालों को भी पता नहीं था। वह अपने दादा राम किशन के साथ जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रेम सिंह की ओपीडी में दिखाने आया। छाती पर आला रखते ही डॉ. प्रेम सिंह चौंके। जब अल्ट्रासाउंड और एक्सरे फिल्म देखी तो डॉक्टर हैरत में पड़ गए। निखिल का दिल, आमाशय, तिल्ली बाएं के बजाए दाहिनी तरफ है। लिवर दाएं के बजाए बाईं तरफ है। शरीर के अंदर के ये सारे अंग कुदरती स्थान के बजाए उल्टी जगह पर रहकर काम कर रहे हैं।
बिल्हौर के बिरहाना, ककवन रोड के रहने वाले ड्राइवर दीपू प्रजापति का पुत्र निखिल कुमार का मामला अजूबा है। यह उसके घरवालों को भी पता नहीं था। वह अपने दादा राम किशन के साथ जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रेम सिंह की ओपीडी में दिखाने आया। छाती पर आला रखते ही डॉ. प्रेम सिंह चौंके। जब अल्ट्रासाउंड और एक्सरे फिल्म देखी तो डॉक्टर हैरत में पड़ गए। निखिल का दिल, आमाशय, तिल्ली बाएं के बजाए दाहिनी तरफ है। लिवर दाएं के बजाए बाईं तरफ है। शरीर के अंदर के ये सारे अंग कुदरती स्थान के बजाए उल्टी जगह पर रहकर काम कर रहे हैं।
डॉक्टरों के सामने दुर्लभ केस
इस मामले पर डॉ. सिंह का कहना है कि हार्ट के दाहिनी तरफ होने के केस कभी-कभार आते हैं, लेकिन एक साथ इतने अंगों के अपने निश्चित स्थान से विपरीत होने का यह दुर्लभ मामला है। लाखों में भी ऐसा केस होना मुश्किल होता है। निखिल के सिर्फ एक ही अंडकोष है। इसे कार्टस जिनर सिंड्रोम कहते हैं। इसके अलावा उसे साइटस इनवर्सेस डेक्सट्रोकार्डिया भी है। निखिल का कहना है कि जब वह तेज दौड़ता है तो उसकी धड़कन दाहिनी तरफ होती है। निखिल को साइनस और सांस फूलने की शिकायत है।
इस मामले पर डॉ. सिंह का कहना है कि हार्ट के दाहिनी तरफ होने के केस कभी-कभार आते हैं, लेकिन एक साथ इतने अंगों के अपने निश्चित स्थान से विपरीत होने का यह दुर्लभ मामला है। लाखों में भी ऐसा केस होना मुश्किल होता है। निखिल के सिर्फ एक ही अंडकोष है। इसे कार्टस जिनर सिंड्रोम कहते हैं। इसके अलावा उसे साइटस इनवर्सेस डेक्सट्रोकार्डिया भी है। निखिल का कहना है कि जब वह तेज दौड़ता है तो उसकी धड़कन दाहिनी तरफ होती है। निखिल को साइनस और सांस फूलने की शिकायत है।
मां के पेट में शिफ्ट होते अंग
डाक्टरों का कहना है कि बच्चा जब अपनी मां के पेट में डेढ़ से दो महीने का होता है, उसी वक्त अंगों की अपने निश्चित स्थान पर शिफ्टिंग होती है। बच्चा मां के पेट में घूमा करता है। अंगों के स्थान बदलने की इस प्रक्रिया में दिक्कत आने पर अंग शिफ्ट नहीं हो पाते और यह स्थिति हो जाती है। यह बहुत दुर्लभ स्थिति होती है।
डाक्टरों का कहना है कि बच्चा जब अपनी मां के पेट में डेढ़ से दो महीने का होता है, उसी वक्त अंगों की अपने निश्चित स्थान पर शिफ्टिंग होती है। बच्चा मां के पेट में घूमा करता है। अंगों के स्थान बदलने की इस प्रक्रिया में दिक्कत आने पर अंग शिफ्ट नहीं हो पाते और यह स्थिति हो जाती है। यह बहुत दुर्लभ स्थिति होती है।