ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत हाउस होल्ड सर्वे से लेकर बहुत से सर्वे हर साल कराए जाते हैं. सर्वे में पाया गया कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या और उनके एडमिशन की संख्या के बीच काफी अंतर रहता है. तमाम प्रयासों के बाद भी यह अंतर कम नहीं हो सका. ऐसे में डिजिटल इंडिया के तहत ‘आगमन’ ऐप को लांच किया गया है.
ज्वाइंट डायरेक्टर के मुताबिक उन्होंने इस संबंध में बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं. एप की मदद से कोई भी किसी बच्चे का एडमिशन परिषदीय स्कूल में करा सकता है. उन्होंने बच्चों के चिन्हांकन और उनके रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ एप का ही इस्तेमाल करने को कहा है. आगमन का यूज टीचर्स, स्थानीय नागरिक और स्वयं सेवी संगठन भी कर सकते हैं.
डायरेक्टर ने बताया कि मोबाइल एप का प्रचार प्रसार करने के लिए अधिकारियों, टीचर्स, स्कूल प्रबंध समितियों और स्वयंसेवी संगठनों को ट्रेंड किया जा रहा है. इससे 6 से 14 तक की उम्र के बच्चों को क्लास 1-8 तक की क्लासेस में एडमिशन कराया जा सकेगा.
गूगल प्ले स्टोर पर ऐप का नाम इंग्लिश में लिख कर सर्च करें. एप को मोबाइल पर डाउनलोड करें. शुरुआत रजिस्ट्रेशन के बाद एप यूज के लिए तैयार हो जाएगा. अगर आप किसी बच्चे का रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो उस बच्चे की फोटो क्लिक कर एप पर अपलोड करें. बच्चे का नाम, डेट ऑफ बर्थ, माता पिता का नाम, पता, मोहल्ला, शहर, राज्य, पिनकोड, भौगोलिक स्थान, अक्षांश-देशांतर आदि जानकारियों भरनी होंगी. इसके कुछ दिनों में बच्चे का रजिस्ट्रेशन स्कूल में हो जाएगा.
शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर कहते हैं कि परिषदीय स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी है. आगमन एप इसमें काफी मददगार साबित हो रही है. स्वयंसेवी संस्था और आम नागरिक भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं.