कानपुर

Hallet Hospital Patient Death Case : गर्मी से मरीजों की मौत, AC रूम में आराम फरमा रहे जिम्मेदार

Hallet Hosiptal Patients Death Case : ICU के एसी ठप, पर डॉक्टरों के कमरे कूल, मौत के बाद भी नहीं चेता हैलट प्रशासन

कानपुरJun 08, 2018 / 06:32 pm

Vinod Nigam

गर्मी से मरीजों की तड़प-तड़प कर मौत, AC रूम में आराम फरमा रहे जिम्मेदार

कानपुर। यूपी के सबसे बड़े अस्पताल में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। गर्मी के चलते ICU के अंदर मरीज तड़प-तड़प कर काल के गाल में सहा रहे थे, तो दूसरी ओर अस्पताल के जिम्मेदारी अधिकारी व डॉक्टर अपने कमरों के अंदर AC पर आराम फरमा रहे थे। आजमगढ़ निवासी मुरारी (56) ICU के बेड संख्या 12 में एडमिट थे। AC नहीं होने के चलते मुरारी की पत्नी हाथ के पंखे से हवा कर रही थी, तो उनका बेटा राजू डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सो के पास जाकर AC – पंखे की व्यवस्था के लिए फरियाद लगा रहे था, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी और देररात मुरारी ने पत्नी की गोद में दम तोड़ दिया। मृतका के बेटे का आरोप है कि अधिकतर डॉक्टरों के निवास और जहां वह बैठते ही हैं वहां AC चल रहे थे। पर धरती के भगवानों का दिल गरीबों की मौत के बाद भी नहीं पसीझा ।
किसी ने नहीं ली सुधि
उत्तर प्रदेश की स्वस्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी हैं। उर्सला से लेकर हैलट अस्पताल में मरीजों को सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा। हां यहां डॉक्टर जिंदगी नहीं, बल्कि मौत देते हैं। ऐसा ही दर्दनाक मामला हैलट में सामने आया, जहां कई दिनों से आईसीयू के एसी खराब थे। मरीज भीषण गर्मी के चलते धरती के भगवानों से गर्मी से निजाद दिलाए जाने की गुहार लगा रहे थे, पर डॉक्टर उन्हें डांट-डपक रहे थे। भीषण गर्मी के चलते आईसीयू के अंदर भरी 11 मरीजों में से एक-एक कर पांच ने दम तोड़ दिया। फिर भी न तो हैलट प्रशासन जगा और न ही जिले के अलाधिकारी एसी से बाहर निकले। हरदोई के संडीला से इलाज के लिए अए रसूल बख्श (58) गर्मी की तपिश को बर्दाश्त नहीं कर पाए और तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि हम प्रिंसिपल नवनीत कुमार, सीएमएस आरसी गुप्ता के रूम में गए। दोनों अफसर एसी के अंदर काम-काज कर रहे थे। हमने उनको पूरी घटना की जानकारी देनी चाही पर कर्मचारियों ने हमें वहां से भगा दिया।
प्रिंसिपल ने भी नहीं दिया ध्यान
हैलट अस्पताल में पिछले कई दिनों से आईसीयू की एसी खराब थी। जानकारी होने के बावजूद प्रशासन ने कुछ नहीं किया और पांच मरीजों ने दम तोड़ दिया। हरदोई के संडीला निवासी रसूल बख्श (58) के बेटे जावेद का आरोप है पिछले 5 दिन से आईसीयू के दोनों एसी प्लांट काम नहीं कर रहे थे..और बार-बार शिकायत के बाद भी डॉक्टर्स और प्रिंसिपल ने ध्यान नहीं दिया। इसी के कारण पिता के समेत पांच मरीजों ने दम तोड़ दिया। वहीं अन्य मरीजों के तीमारदारों ने बताया किएसी प्लांट की मरम्मत में लापरवाही के कारण पहले भी सर्जरी और न्यूरो सर्जरी आपरेशन थियेटर के एसी खराब हो चुके हैं। मामला जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य के पास पहुंचा, पर उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। इससे समस्या और विकराल होकर आज इतने भयावह रूप में सामने आई। गर्मी एवं उमस बढऩे पर आईसीयू की खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए गए।
11 मरीज थे एडमिट, पांच की मौत
आईसीयू में चार बच्चों समेत 11 मरीज भर्ती थे।एसी सिस्टम फेल होने से वेंटीलेटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों ने भी काम करना बंद कर दिया है। मेंटीनेंस का ठेका खत्म होने से मरम्मत भी नहीं हो पाई। ऐसे में चारो तरफ से बंद आईसीयू वार्ड में मरीज तड़प उठे। जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के बाद मरम्मत करने के लिए इंजीनियर आए तब पता चला कि एसी प्लांट की मोटरें फुंकने से कूलिंग फेल हो गई। ऐसे में अंदर हवा का कोई इंतजाम न होने से लगे कंप्यूटर और वेंटिलेटरों ने भी काम करना बंद कर दिया। इसके बाद बीते 24 घंटे में एक-एक करके पांच मरीजों की जान चली गई। मृतक के बेटे जावेद ने बताया कि देरशाम प्रिंसिपल और मेडिसिन विभाग के कई डॉक्टर अपने रूम में एसी के आनंद उठा रहे थे। हमने रूम के बाहर तैनात कर्मचारियों से कहा कि साहब से बात करवा दीजिए। पर अंदर से जवाब आया कि अभी समय नहीं है। कुछ देर के बाद आना। इन पांचों मौत के जिम्मेदारी प्रिंसिपलख् सीएमएस के साथ ही डॉक्टर और अधिकारी हैं।
प्रिंसिपल ने माना एसी खराब
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने चार मौतों की बात स्वीकार की है..लेकिन उन्होंने एसी फेल होने की वजह से मौतों से इंकार किया है। हालांकि उन्होंने आईसीयू के एसी प्लांट कई दिनों से खराब होने की बात भी मानी है । इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने हैरान करने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कल से एसी की मरम्मत हो रही थी..और उन लोगों को उम्मीद थी कि ये ठीक हो जाएगा..लेकिन एसी ठीक नहीं हुआ और उसके कुछ पार्ट्स दिल्ली से आने हैं..ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कानपुर मेडिकल कॉलेज उम्मीदों पर चल रहा है। इनके पास कोई तत्कालित व्यवस्था नहीं होती। साथ ही एसी का ऐसा कौन सा पार्ट है..जो दिल्ली में मिलेगा, जो लेकिन कानपुर से महानगर में नहीं । वहीं अभी भी एसी के कल तक शुरु होने का इंतज़ार किया जा रहा है।
सीएम के आदेश पर डीएम हैलट पहुंचे
पांच मरीजों की मौत की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को हुई तो उन्होंने डीएम सुरेंद्र सिंह को जांच के लिए हैलट जाने का आदेश दिया। सुरेंद्र सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर चार सदस्यों की जांच कमेटी बनायीं गयी है वह आकर हैलट में हुयी मौतों की जांच करेगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही एक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसी दौरान मरीजों के तीमारदरों ने डीएम को घेर लिया और डॉक्टर की करतूत खोलने लगे। डीएम ने उनकी बात सुनी और न्याय का भरोसा दिया। मृतक के बेटे जावेद ने कहा डीएम साहब जांच के बाद कार्रवाई शब्द का इस्तेमाल मत करिए। आजादी के 70 साल से गरीब यही सुनता आ रहा है। आप एक्शन लीजिए, जिससे कि कोई दूसरा बेटा अनाथ न हो।
मरीजों की मौत पर बोले राजनेता
मामले पर सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि उर्सला से लेकर हैलट अस्पताल में अराजकता का महौल है। डॉक्टर अपनी प्राईवेट क्लीनिकों में मरीजों का इलाज करते हैं। जबकि हैलट व उर्सला में महज खानापूर्ति के लिए आते हैं। हर डॉक्टर कें रूम में एसी लगे हैं पर मरीजों के लिए ंपंखे तक नहीं हैं। वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि डीएम स्वता पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं। दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा खुद अपने तरीके से जांच करेगी। मैं कुछ देर के बाद खुद हेलट जाऊंगा और जांच के बाद पूरी रिपोर्ट सीएम को भिजवाऊंगा।

 

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