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एसिड की बारिश से बचकर रहें वरना पड़ सकते हैं बीमार

locationकानपुरPublished: Aug 12, 2019 01:07:55 pm

पेड़-पौधों के साथ जलीय जीवों का जीवन भी खतरे में सीएसजेएमयू में बारिश के पानी की जांच में हुआ खुलासा

Acid Rain in kanpur

एसिड की बारिश से बचकर रहें वरना पड़ सकते हैं बीमार

कानपुर। गर्मी के इस मौसम में बारिश फायदे की जगह खतरनाक हो गई है। जी हां, यह खुलासा सीएसजेएमयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा गई गई पानी की जांच में हुआ है। जिससे यह बात सामने आयी है कि आसमान से सामान्य पानी की जगह एसिड की बारिश हो रही है। यह पेड़-पौधों, जलीय जंतुओं और इंसानों के लिए नुकसानदायक है। इसी बारिश के चलते लोग ज्यादा बीमार हो रहे हैं।
एसिड रेन की वजह
महराज विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने 9 जुलाई से 9 अगस्त के बीच बारिश के पानी की सैंपलिंग की। इस पर शोध करने वाले डॉ. शास्वत कटियार ने बताया कि प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा है। इस वजह से पहली बारिश अपने साथ वातावरण में घुली गंदगी को साथ लेकर आई। इसकी वजह से बारिश के पानी में पीएच की मात्रा कम हो गई और एसिड की मात्रा बढ़ गई। ऐसी हालत में बारिश का पानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
जुलाई में सामान्य से ५० फीसदी कम पीएच
पानी का पीएच (पोटैंशियल ऑफ हाइड्रोजन) वैल्यू जुलाई में सामान्य से करीब 50 फीसदी कम पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार 9 जुलाई की पीएच वैल्यू 4.70 थी और 9 अगस्त को बरसे पानी का पीएच वैल्यू 6.02 आंका गया। विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्य पानी का पीएच वैल्यू 7 से 8.5 होता और पीने योग्य की 7 से 8 के बीच होनी चाहिए। जितनी ही पीएच वैल्यू कम होगी उतनी ही ही ज्यादा पानी में एसिड की मात्रा होगी।
कानपुर सबसे प्रदूषित
विश्वविद्यालय के बीएसबीटी के निदेशक डॉ. शाश्वत कटियार ने बताया कि कानपुर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। कानपुर दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल है। इस प्रदूषण के लेवल को पार करता हुआ बारिश का पानी कितना नुकसानदायक हो सकता है, यह जानने के लिए एक रिसर्च की गई। नौ जुलाई से नौ अगस्त के बीच जिस दिन बारिश हुई, छात्रों ने उसका सैम्पल एकत्र किया। फिर उस पानी के नमूने की लैब में जांच की गई।
बीमारियों का खतरा बढ़ा
डॉ. कटियार ने बताया कि यह आंकड़ा खतरनाक है। बारिश के पानी में पीएच की मात्रा 4.7 है। मतलब पानी पूरी तरह अम्लीय है। जिसे पानी से अनेक तरह की बीमारियां संभव है। एक माह के दौरान निरंतर अंतराल के बाद हो रही बारिश से पानी में एसिड की मात्रा कुछ कम तो हुई लेकिन वह अभी भी काफी खतरनाक है।
जलीय जंतु खतरे में
एसिड वाली बारिश के कारण जलीय जंतुओं का जीवन ही खतरे में पड़ रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि एसिड वाली बारिश का पानी तालाब, नदी व जलाशयों में जाता है। जहां मछली जैसे अनेक जलीय जीव रहते हैं। इसके कारण मछलियों के अंडे पनप नहीं पाते हैं। साथ ही कई छोटी-छोटी मछलियां मरने लगती हैं।
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