पुलिस कमिश्नर असीम अरूण ने स्वरूप नगर एसीपी महेंद्र सिंह देव की जांच एडीसीपी अभिषेक अग्रवा को सौंपी है। यदि एसीपी महेंद्र सिंह जांच में दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने पर पुलिस कमिश्नर एक महीने के अन्दर अवगत कराएंगे। दरअसल,। काकादेव स्थित नीरक्षी चौराहे के पास रहने वाली पलक सोनकर का बीते 26 मई को गुरनित सिंह से विवाद हुआ था। पलक सोनकर ने गुरनित सिंह पर मारपीट, धमकी और जाति को लेकर गालियां देने का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने मारपीट, धमकी देना और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। मामले की विवेचना एसीपी स्वरूप नगर महेंद्र सिंह देव कर रहे थे। एसीपी ने बिना जांच किए 28 मई को अपहरण की धारा बढ़ा दी थी।
नहीं बन रही अपहरण की धारा
इस मामले पर बीते 08 जून को कोर्ट में सुनवाई थी। आरोपी पक्ष के वकील ने कोर्ट में सबूत पेश करते हुए कहा कि मामला अपहरण का नहीं है। अपहरण की धारा फर्जी तरह से बढ़ाई गई है। आरोपी पक्ष के वकील के दावे पर केस डायरी की तलब की गई, तो पूरा मामला खुल गया। इसके बाद विवेचक से जवाब तलब किया गया तो, विवेचक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। कोर्ट ने विवेचक से अपहरण की धारा पढ़वाई। विवेचक ने अपनी गलती स्वीकार की, और माना कि अपहरण की धारा नहीं बन रही है। कोर्ट ने माना कि विवेचक ने लड़की के मजिस्ट्रेट बयान नहीं दर्ज कराएं है। इसके साथ ही अपहरण की धारा के संबंध में एक भी ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए हैं। कोर्ट ने इसे विवेचक की लापरवाही माना है। पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि एक महीने में विवेचक पर कार्रवाई कर अवगत कराएं।